दीपावली में अयोध्या के घाटों पर जगमगाएंगे बस्ती के दीये
अयोध्या के सरयू घाट पर इस साल तीन लाख मिट्टी के दीये जलाए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लगाया है।
गोरखपुर (जेएनएन)। भगवान श्रीराम जिस दिन रावण का वध कर अयोध्या लौटे थे उस दिन पूरा नगर दीपों से रोशन किया गया था। उस दिन की याद में पूरा देश आज भी भव्य रूप में दीपावली मनाता है। यह परंपरा युगों से चली आ रही है। प्रदेश की बागडोर जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाली तो उन्होंने अयोध्या की दीपावली को अनूठा रूप दिया। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी इस आयोजन को भव्य रूप देने की तैयारी शुरू हो गई है।
स्वयं सहायता समूहों को लगाया
अयोध्या के इस सरकारी आयोजन को यादगार बनाने के लिए तीन लाख दीयेव बाती के साथ ही 15000 लीटर सरसो के तेल की व्यवस्था की जानी है। आयोजन में दीपक, बाती व तेल की आपूर्ति के लिए प्रदेश के पांच जनपदों का चयन किया गया है। जिनमें बस्ती, फैजाबाद, बाराबंकी, अंबेडकर नगर व लखनऊ जनपद शामिल हैं। प्रत्येक जनपद को 60 हजार दीपक, इतनी ही बाती और 3000 लीटर सरसो का तेल, दो हजार मोमबत्ती, 100 बर्निंग स्टिक उपलब्ध कराना है। यह सारा कार्य स्वयं सहायता समूहों के जरिये कराया जाना है। एक साथ इतने बड़े आर्डर को पूरा करने के लिए समूह के लोग जुट गए हैं। कहीं दीये तैयार किए जा रहे हैं तो कहीं बाती ।
बस्ती जनपद में अभियान का नेतृत्व कर रहे जिला उपायुक्त स्वत: रोजगार महेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार ने इस बार निर्णय लिया है कि सरकारी कार्यक्रम में दीपावली से संबंधित जो भी जरूरतें होंगी उनकी खरीद राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं से की जाएगी। सामान के लिए अभी कोई दर निर्धारित नहीं है। सरकार ने तय किया है कि इन महिलाओं को उनके परिश्रम व उत्पाद के अनुसार भुगतान किया जाएगा।
इन ब्लाकों में बन रहे दीये
अभियान की मानीट¨रग कर रहीं राष्ट्रीय आजीविका मिशन की जिला प्रबंधक ऋचा शुक्ला ने बताया कि जनपद के छह ब्लाकों के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को दीपक, बाती, तेल, मोमबत्ती तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह सारा सामान 31 अक्टूबर से पहले अयोध्या पहुंचा देना है। इस कार्य के लिए जनपद के छह ब्लाकों को चुना गया है। जिनमें कुदरहा, बनकटी, साऊंघाट, दुबौलिया, बहादुरपुर और सल्टौआ शामिल हैं।