बिजली कटौती से परेशान उपभोक्ताओं ने किया प्रदर्शन
शेड्यूल के अनुसार बिजली आपूर्ति नहीं करने का आरोप
संतकबीर नगर : उमस भरी गर्मी में लोगों को बिजली कटौती का दंश झेलना पड़ रहा है। बेलहर कला ब्लाक के करीब 24 गांवों की बिजली आए दिन खराब रहती है, जिसको लेकर सोमवार को ग्रामीणों ने पवरिहा चौराहे पर प्रदर्शन करते हुए बिजली आपूर्ति में सुधार की मांग की। शेड्यूल के अनुसार आपूर्ति नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।
ब्लाक क्षेत्र के पवरिहा, अमरा कोइल, औरहिया मंझरिया, करदहा, भरतीजोत, कुशरौली, मनैतापुर, शिहाझूडी, बालेपार, कचेहरा, शेखवनियाँ, कनरापार, पकरड़ीहा, बरिऔना, कोईलपार, बहेरामाफी, खजुरिया, गाणापोखर ,चिरैहा, करमहिया, मुर्दहिया, गंगोरा, ककरहिया, अनंतजोत आदि गांव की बिजली मेंहदावल डिवीजन के नंदौर फीडर से मिलती है। ग्रामीणों का आरोप है कि उनके गांवों में अक्सर बिजली गायब रहती है। शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती। यह बताया जाता है कि फाल्ट हो गया है। लगातार शिकायत करने पर ही बिजली जोड़ी जाती है, लेकिन तत्काल बंद भी हो जाती है। यहां एक-एक सप्ताह बिजली गुल रहती है। जबकि बिजली विभाग के बिल का भुगतान हम लोग समय से कर रहे हैं उसके बावजूद शेड्यूल के अनुसार बिजली आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। इस दौरान रामचंद्र,राजू ,चंदे, शिव भोला, यादव, यार मोहम्मद,राकेश, जोखन, राधेश्याम , सोहनदास, गिरधर, यूनुस, पिटू, झिनकू लालबहादुर, राजेंद्र ,रामचरण सलीम सहित अनेक लोग मौजूद रहे। अव्यवस्था पर बीसी सखी ने जतायी नाराजगी, प्रदर्शन
संतकबीर नगर: जनपद के विभिन्न ब्लाकों से 28 बीसी सखी सोमवार को विकास भवन परिसर में पहुंची। अव्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किया। प्रिया दूबे, मनीषा पाण्डेय, सुभावती यादव, जानकी, अर्चना त्रिपाठी सहित अन्य बीसी सखी ने कहा कि उन्हें प्रतिमाह चार हजार रुपये मानदेय देने के लिए कहा गया था लेकिन यह नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि बैंक के अधिकारी आनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए उन्हें 37 हजार 760 रुपये कीमत वाला उपकरण तय स्थान से खरीदने के लिए दबाव डाले हुए हैं। जबकि बाजार में इस उपकरण का मूल्य 15 से 16 हजार रुपये के बीच है। एक हजार रुपये ट्रांजेक्शन करने पर 95 पैसा कमीशन दिए जाने की व्यवस्था है। उन्हें बैंक के अलावा विकास भवन स्थित पीडी-डीआरडीए के पास आना होता है। लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए गांवों में हमेशा जाना होता है। महंगाई के इस दौर में इतने कम मानदेय व कमीशन से यह काम करना मुश्किल है। गांव के लोगों को आनलाइन ऋण सहित अन्य लेन-देन की सुविधा प्रदान करने के लिए बीसी सखी की नियुक्ति की गई है।