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विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस-कर्मचारी विवाद

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने को लेकर विवाद हुआ।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 01:13 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 01:13 AM (IST)
विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस-कर्मचारी विवाद
विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस-कर्मचारी विवाद

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने को लेकर बुधवार को एक कर्मचारी और पुलिसकर्मी के बीच जमकर विवाद हुआ। प्रॉक्टर आफिस में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शनि शर्मा वाहन समेत अपने साथी को परिसर में लाने की अनुमति चाहता था, जबकि गेट पर तैनात पुलिसकर्मी ने नियमों का हवाला देते हुए बाहरी व्यक्ति के वाहन को भीतर आने की अनुमति नहीं दे रहा था। इसे लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। आरोप है कि पुलिसकर्मी ने शनि व उसके साथी साथ बीच-बचाव करने आए एक अन्य कर्मचारी को थप्पड़ जड़ दिया। कर्मचारियों की आपत्ति के बाद फौरी तौर पर कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोनों कर्मचारियों को प्रॉक्टर आफिस से हटाकर प्रशासनिक भवन में संबंद्ध कर दिया है साथ ही घटना की जांच कराने का आश्वासन दिया है।

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बुधवार को सुबह मुख्य नियंता प्रो. गोपाल प्रसाद की देख-रेख में परिसर में आवाजाही हो रही थी। इस बीच एक युवक बाइक समेत भीतर जाने लगा, पूछने पर बताया कि वह प्रॉक्टर ऑफिस में कार्यरत कर्मचारी शनि शर्मा का साथी है। सुरक्षाकर्मी ने बाहरी व्यक्तियों के भीतर जाने के प्रतिबंध की जानकारी दी तो वह युवक उलझने लगा और अभद्रता पर उतर आया। पुलिस आई ते युवक रौब दिखाने लगा। आरोप है कि बढ़ते विवाद के बीच एक पुलिसकर्मी ने उसे थप्पड़ जड़ दिए। युवक इसके बाद भी नहीं माना तो पुलिस उसे खींच कर गार्ड रूम में ले गई और मारा। साथी की पिटाई की जानकारी मिलने पर शनि पहुंचा तो उसके साथ ही पुलिस ने बुरा सलूक किया। बीच बचाव करने पहुंचे एक अन्य कर्मचारी को भी मारने का पुलिस पर आरोप है। विवाद गहराता देख अन्य कर्मचारी भी पहुंचे और हंगामा करने लगे। कर्मचारी नेताओं ने घटना के लिए मुख्य नियंता को जिम्मेदार बताया और आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझ कर पुलिस को नहीं रोका। कर्मचारियों का कहना था कि नियंता कोई दंड देते तो ठीक था, एक कर्मचारी के साथ पुलिसकर्मी का दु‌र्व्यवहार कतई ठीक नहीं है। मामले बाबत शाम को कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल कुलपति से भी मिला, जहां कुलपति ने घटना पर चिंता जाहिर करते हुए इसकी जांच कराने का आश्वासन दिया साथ ही दोनों कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से कुलसचिव कार्यालय से अटैच कर दिया।


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