गोरखपुर में रंगदारी लेने वाले दारोगा और रिश्वत लेने वाले लिपिक के विरुद्ध शुरू हुई बर्खास्तगी की कार्रवाई Gorakhpur News
शहर के मशहूर मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. रामशरण दास को(धमकी देकर टीपी नगर पुलिस चौकी के इंचार्ज शिव प्रकाश सिंह ने कथित पत्रकार प्रणव त्रिपाठी के साथ मिलकर आठ लाख रुपये रंगदारी ली थी।
गोरखपुर, जेएनएन। डॉक्टर से रंगदारी वसूलने वाले दारोगा शिव प्रकाश सिंह और चिकित्सा प्रतिपूर्ति का बिल पास करने के बदले में रिश्वत लेने के आरोपित बड़े बाबू ज्ञानेंद्र सिंह के विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू हो गई है। आइजी के निर्देश पर बर्खास्त करने के लिए कागजी औपचारिकता पूरी की जा रही है। लिखापढ़ी पूरी होने पर बर्खास्तगी का आदेश जारी किया जाएगा।
शहर के मशहूर डाक्टर को धमकी देकर लिया था आठ लाख
शहर के मशहूर मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. रामशरण दास को दुष्कर्म के मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर टीपी नगर पुलिस चौकी के इंचार्ज रहे शिव प्रकाश सिंह ने कथित पत्रकार प्रणव त्रिपाठी के साथ मिलकर आठ लाख रुपये रंगदारी वसूली थी। चौकी इंचार्ज और कथित पत्रकार दो लाख रुपये और वसूलने के लिए उन्हें धमकी दे रहे थे।
मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर दारोगा की हुई थी गिरफ्तारी
रामशरण दास के इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करने के बाद बीते 21 मई को दारोगा और पत्रकार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि मुकदमे में चार्जशीट दाखिल करने में देरी और पुलिस के ढीले रवैये की वजह से दोनों को जमानत मिल गई। पुलिस की लापरवाही सामने आने पर आइजी ने जिम्मेदारों को फटकार लगाई थी।
एसएसपी कार्यालय का बड़े बाबू घूस लेते हुआ था गिरफ्तार
एसएसपी कार्यालय के बड़े बाबू को एंटी करप्शन की टीम ने 18 जून को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए परेशान दारोगा ने बड़े बाबू के रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। उस समय उसे जेल भेजा दिया था। फिलहाल जमानत पर वह भी बाहर आ गया है।