नेपाल में भारतीय शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार, सुषमा से शिकायत
नेपाल में भारतीय शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पीड़ित शिक्षकों ने टवीट कर विदेशमंत्री, प्रधानमंत्री को समस्याओं के बारे में जानकारी दे दी है।
By Edited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 09:26 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 02:29 PM (IST)
गोरखपुर,(जेएनएन)। भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भारतीय शिक्षकों की हालत ठीक नहीं है। शिक्षकों का आरोप है कि नेपाल सरकार नेपाली शिक्षकों पर तो ध्यान देती है, लेकिन नेपाल में तैनात भारतीय शिक्षकों की कोई उसे चिंता नहीं है। भारतीय शिक्षकों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि वे करीब 40 वर्षों से नेपाल के सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं, बावजूद इसके वहां की सरकार उन्हें पीएफ, ग्रेच्युटी, पेंशन, मेडिकल भत्ता व अन्य सुविधाओं से वंचित रखे हुए है। भारतीय शिक्षक संघ नेपाल के अध्यक्ष अरुण नारायण तिवारी ने ट्वीट के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पीएमओ कार्यालय को अपनी समस्याओं से अवगत कराया है और निराकरण के लिए नेपाल सरकार से बात करने की मांग की है। इन सभी को पत्र भी भेजा है। पूर्व में शिक्षकों ने भारतीय दूतावास के माध्यम से नेपाल के मंत्रियों और प्रधानमंत्रियों के सामने अपनी समस्याएं भी रखी लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। सन 1998 में साजिश करके भारतीय शिक्षकों को निकालने का भी प्रयास किया गया लेकिन 13 दिन के आमरण अनशन पर सरकार ने भारतीय शिक्षकों को अस्थाई तौर पर रखकर अनशन समाप्त कराया। शनिवार को नेपाल के सीमावर्ती जिले सिद्धार्थनगर के इटवा पहुंचे अरुण नारायण तिवारी ने बताया कि वह भारतीय शिक्षकों के हक की मांग से नेपाल सरकार को अवगत कराते रहे हैं, लेकिन नेपाल सरकार सुनती ही नहीं है। नेपाल में पांच हजार से अधिक शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अगर स्थिति यही रही तो फिर अनशन प्रारंभ होगा और स्कूलों में तालाबंदी की जाएगी। इस संबंध में नेपाल के दांग जिले के शिक्षाधिकारी सूर्य प्रसाद घिमिरे ने बताया कि भारतीय शिक्षकों के मामले में शिकायत भारतीय दूतावास से मिली है। इससे अवगत कराने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। भारत हमारा मित्र राष्ट्र है वहा के लोग यहा सेवा दे रहे हैं उनकी समस्याओं का समाधान अवश्य होगा।
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