Move to Jagran APP

लू से बचाव के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश, ये हैं लक्षण व बचाव के उपाय

आपदा विभाग ने लोगों से लू से बचने की अपील की है। विभाग लू से बचाव के लिए निर्देश देते हुए दिशा- निर्देश जारी किया है। जिलाधिकारी की ओर से इसके लिए जल्द ही जिले में आदेश जारी किया जाएगा।

By Pragati ChandEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 04:44 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 04:44 PM (IST)
लू से बचाव के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश, ये हैं लक्षण व बचाव के उपाय
लू से बचाव के लिए दिए गए निर्देश। (फाइल)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों को लू (हीट स्ट्रोक) से बचाने के लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ओआरएस स्थापित करने का प्रस्ताव जिलाधिकारी के पास भेजा है। जल्द ही जिलाधिकारी की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया जाएगा। एएनएम एवं आशा ग्राम स्तर पर बैठक कर लू से बचाव के लिए जागरूक करेंगी।

prime article banner

विभाग ने की लू से बचाव की अपील: आपदा विभाग ने लोगों से लू से बचने की अपील की है। जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि किसी स्थान का तापमान लगातार तीन दिन तक वहां के सामान्य तापमान से तीन डिग्री या इससे भी अधिक बना रहे तो उसे लू कहते हैं। आपदा विभाग की ओर से लू से बचने के लिए अपील जारी की गई है।

जिला आपदा विशेषज्ञ ने बताया कि लोगों को इस दौरान अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। हल्के रंग के एवं पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनना चाहिए। धूप का चश्मा, छाता, टोपी का चप्पल का प्रयोग करना चाहिए। यदि खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ एवं पैर को गीले कपड़े से ढके रहें। ओआरएस घोल की व्यवस्था घर में रखें।

उन्होंने बताया कि यदि मूर्छा या बीमारी का अनुभव करते हैं तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। घर को ठंडा रखें। जिला आपदा विशेषज्ञ ने बताया कि यह पत्र सभी विभागों को भी जारी किया जाएगा, जिससे वहां के कर्मियों को लू से बचने के लिए जागरूक किया जा सके। जिन विभागों में लोगों का आना-जाना है, वहां निश्शुल्क प्याऊ की व्यवस्था करनी होगी।

लू लगने के लक्षण

  • त्वचा का गर्म, लाल, शुष्क होना, पसीना न आना
  • श्वास गति में तेजी, पल्स तेज होना
  • व्यवहार में परिवर्तन, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, मिचली, थकान और कमजोरी होना, चक्कर आना।

पशुपालकों को भी किया जाएगा जागरूक: जिला आपदा विशेषज्ञ ने बताया कि पशुओं को जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए गए हैं। ब्लाक व ग्राम स्तर पर पशु चिकित्सक पशुपालकों के साथ बैठक कर उन्हें जागरूक करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.