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महराजगंज में फूलों की नर्सरी से रोजगार की सुगंध फैला रहे दीनानाथ

बैदौली गांव निवासी दीनानाथ मौर्य ने बताया कि वह इस बार 25 डिसमिल भूमि पर गेंदा के फूल की खेती किए हैं। जिसमें करीब 10 हजार की लागत लग चुकी है। अब फूल तोड़ा जा रहा है। जो बाजारों में 120 से लेकर 200 रुपये तक बिक जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 12:47 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 12:47 AM (IST)
महराजगंज में फूलों की नर्सरी से रोजगार की सुगंध फैला रहे दीनानाथ
महराजगंज में फूलों की नर्सरी से रोजगार की सुगंध फैला रहे दीनानाथ

महराजगंज: निचलौल रेंज के जंगलों से सटे ग्राम बैदौली के टोला बनकटी निवासी दीनानाथ मौर्य का फूलों का कारोबार काफी फल-फूल रहा है। इनकी फूलों की यह दुनिया जिले के अलग-अलग हिस्सों में खूब चहक-महक रही है। फूलों की नर्सरी से प्रति वर्ष इनकी हजारों की आय हो रही है। किसान दीनानाथ फूलों की खेती से अपने घर खुशहाली लाने में जुटे हुए हैं। वहीं कई अन्य को भी रोजगार मुहैया करा रहे हैं। मौसम और सीजन के अनुसार फूल के पौधों की मांग घटती-बढ़ती है। ठंड में सबसे ज्यादा फूल के पौधों की डिमांड होती है। पहले फूल के पौधे के लिए लोगों को पूरी तरह से दूरदराज की नर्सरियों पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब फूलों की पौधे आसानी से उन्हें मिल जाते है।

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बैदौली गांव निवासी दीनानाथ मौर्य ने बताया कि वह इस बार 25 डिसमिल भूमि पर गेंदा के फूल की खेती किए हैं। जिसमें करीब 10 हजार की लागत लग चुकी है। अब फूल तोड़ा जा रहा है। जो बाजारों में 120 से लेकर 200 रुपये तक बिक जा रहा है। अगर इसी तरह से बाजार चलता रहा तो फूल की खेती से 30 से 35 हजार की आमदनी हो जाएगी। गत दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के चलते फूलों की खेती में काफी नुकसान हुआ है। लेकिन इस बाद बाजार खुलने और मांगलिक कार्यक्रमों पर से पाबंदियां हटने के चलते बाजारों में थोड़ा रौनक आया है। उम्मीद है कि इस बाद फूल की खेती से अच्छी आमदनी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि फूलों की खेती के अलावा नर्सरी का भी काम करते हैं। दोनों खेतों में अपने स्वजन का सहयोग लेते हैं। साथ ही कई नियमित मजदूर भी लगाए हुए हैं। शादी के सीजन में बढ़ी है फूलों की मांग

कोरोना संक्रमण के बाद पहली बार फूलों की खेतों तक प्रतिदिन सुबह से लेकर शाम तक फूल खरीदार पहुंच रहे हैं। यहां पर फूलों को थोक भाव पर बेचने के अलावा किसानों द्वारा शादियों की गाड़ी को सजाना और फूलमाला आदि के लिए बुकिग की जा रही है। देवोत्थान एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यक्रम का भी शुभारंभ हो चुका है। जिसके चलते शहर के बाजार से लेकर फूलों की खेतों तक गुलजार है। इस बार उम्मीद है कि फूल का कारोबार अच्छा रहेगा।


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