अब आन द स्पाट दर्ज होगा मुकदमा
दारोगा के साथ में ही सीसीटीएनएस आपरेटर की भी होती है रवानगी
महराजगंज: डिजिटल जमाने में आज भी थाने के दारोगा और हेड मुहर्रिर के बीच फर्द और एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) लिखने को लेकर काफी समय बर्बाद होता है। ऐसे में पुलिस ने भी अब डिजिटल पुलिसिग के तहत
घटनास्थल पर ही प्राथमिकी दर्ज करने लगी है। महराजगंज में साइबर सेल के प्रभारी मनोज कुमार पंत ने इसकी शुरुआत करते हुए इस तरह से अब तक दो मुकदमें दर्ज किए हैं। एसपी प्रदीप गुप्ता ने कहा कि यह पुलिस कार्रवाई में समय बचाने के लिए काफी बेहतर पहल है।
साइबर सेल के प्रभारी मनोज पंत ने बताया कि सामान्य तौर पर अबतक किसी बड़ी कार्रवाई अथवा छापेमारी के बाद पहले वहां पर पुलिस सामान जब्त करती है, और फिर कच्चा रफ फर्द बनाकर थाने पहुंचती है। जहां थाने के मुंशी और हेड मुहर्रिर की मदद से उसे पुलिस पोर्टल पर चढ़ाया जाता है। इस कार्रवाई में करीब तीन से चार घंटे का समय लग जाता था। इस परंपरा को बदलने के लिए पिछले 18 फरवरी को धान खरीद घोटाला मामले में हुई छापेमारी में थाने से एक लैपटाप व आपरेटर की भी रवानगी कराकर साथ ले जाया गया। जहां मौके पर जो भी बरामदगी हुई, वहीं तुरंत उसकी टाइपिग कराकर फर्द तैयार हुआ और फिर उसे वहीं से आनलाइन पुलिस के पोर्टल पर दर्ज कर दिया गया। यही हाल पुरंदरपुर थानाक्षेत्र के पकड़े गए दो साइबर अपराधियों के मामले में भी हुआ। साइबर सेल के प्रभारी का यह प्रयोग वास्तव में थानों के कागजी कार्रवाई में लगने वाले समय की बचत करेगा। यह हर थानेदार को करना चाहिए, इसमें जहां उनके समय की बचत होगी, वहीं थाने के कंप्यूटर आपरेटर का भी बोझ हल्का होगा।
प्रदीप गुप्ता, एसपी महराजगंज