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घर से निकले ही नहीं और कट गया वाहन का चालान, जानें- उसके बाद क्‍या हुआ Gorakhpur News

नए यातायात नियमों की जटिलता और इस पर अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। ऐसा ही मामला गोरखपुर में अाया है। यहां एक ऐसे व्‍यक्ति का चालान कट गया तो घर से बाहर निकला ही नहीं था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 09:05 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 09:05 AM (IST)
घर से निकले ही नहीं और कट गया वाहन का चालान, जानें- उसके बाद क्‍या हुआ Gorakhpur News
घर से निकले ही नहीं और कट गया वाहन का चालान, जानें- उसके बाद क्‍या हुआ Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। नए यातायात नियमों को कठोरता से अनुपालन कराने को लेकर चलाए जा रहे सघन अभियान ने लोगों में जागरूकता बढ़ाई है। साथ ही चालकों और संबंधित अधिकारियों व कर्मियों में दबाव भी बढ़ा है। चालक और वाहन स्वामी लाइसेंस और कागजात आदि दुरुस्त कराने के लिए परिवहन विभाग दौड़ रहे हैं। वहीं संबंधित अधिकारी घर बैठे वाहनों का चालान काट दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।

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चालान में सिर्फ वाहन संख्या, नाम और मोबाइल नंबर

इंटेलिजेंस में तैनात कर्मी का बिना हेलमेट पहने चालान कटने का मामला प्रकाश में आया है। सात सितंबर को इंटेलिजेंस कर्मी ने जब अपने मोबाइल पर देखा कि बिना हेलमेट पहने मोटरसाइकिल चलाने के आरोप में चालान कट गया है तो वे हैरान हो उठे। चालान छह सितंबर को सुबह 8.38 बजे की कटी थी। जबकि वह इस समय घर से बाहर ही नहीं निकले थे। जानकारों के अनुसार चालान पर इंजन नंबर, चेसिस नंबर गाड़ी का नाम, कलर और पॉवर आदि पूरा व्योरा दर्ज होता है। यही नहीं चालान में घटनास्थल और वहां की तस्वीर भी होती है। लेकिन इंटेलिजेंस कर्मी के चालान में सिर्फ वाहन संख्या, नाम और मोबाइल नंबर दर्ज है। इसके अलावा बिना हेलमेट के पांच सौर रुपये का चालान अंकित है।

अधिकारियों ने कहा, गलती हो गई

परेशान इंटेलिजेंसकर्मी ने जब विभाग में अधिकारियों से इस संबंध में बात की तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। दबाव बनाने पर अधिकारियों ने कहा कि गलती से रनिंग चालान कट गया होगा। उसे दुरुस्त करा लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि जागरूक इंटेलिजेंस कर्मी ने तो इस मामले को विभाग तक पहुंचाया लेकिन रोजाना दर्जनों लोगों का चालान कट जाता है और वे समझ नहीं पाते हैं। कोर्ट का चक्कर आदि के डर से चालान जमा कर देते हैं।

इस तरह की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा है तो इसकी जांच कराई जाएगी। कार्रवाई भी होगी। - डीडी मिश्र, आरटीओ प्रवर्तन, गोरखपुर।

सिस्टम में वाहनों के नंबर देख काट देते हैं चालान

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने संबंधित कार्य निपटाने, चालान काटने और अपने अन्य कार्यों के लिए अलग से निजी कर्मचारियों को रखा है। वे दफ्तर का कार्य तो करते ही हैं, आनलाइन सिस्टम में वाहनों को देख चालान भी काटते रहते हैं। इससे उनका लक्ष्य पूरा होता रहता है।

प्रदूषण जांच केंद्रों की मनमानी ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

गोरखपुर में प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए तीन जांच केंद्र अधिकृत हैं, लेकिन अलग-अलग स्थलों की बजाए सभी आरटीओ दफ्तर के सामने चल रहे हैं। इधर, प्रदूषण प्रमाण पत्र अनिवार्य होने और ढाई हजार जुर्माना के चलते केंद्रों पर भीड़ बढ़ गई है। केंद्र संचालक भी मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं। आनलाइन सिस्टम होने के बाद भी मंगलवार को सभी जांच केंद्र बंद थे। जबकि, प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोग दिनभर परेशान रहे। बुधवार को दफ्तर खुलते ही भीड़ बढऩे की संभावना है। सूत्रों के अनुसार एक केंद्र का पेट्रोल वाहन का परमिट दूसरे जनपद का है लेकिन वह गोरखपुर में चल रहा है।


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