धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए कार्य कर रही विहिप
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : 1964 में स्थापित विहिप (विश्व ¨हदू परिषद) आज भारत के साथ ही विश्व के
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : 1964 में स्थापित विहिप (विश्व ¨हदू परिषद) आज भारत के साथ ही विश्व के 120 देशों में धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए कार्य कर रही है। एकल विद्यालय, रुग्णालय, छात्रावास, कथा प्रशिक्षण शिविर आदि के जरिये विहिप की सेवा जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
यह बातें विहिप गोरक्षप्रात के संगठन मंत्री प्रदीप पाडेय ने कही। वह विहिप के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व विहिप प्रांत कार्यालय पर गुरुवार को आयोजित समारोह में पूजन-अर्चन कर स्थापना दिवस मनाया गया। डॉ. पांडेय ने कहा कि रामजन्म भूमि आंदोलन, अमरनाथ यात्रा आंदोलन, रामसेतु रक्षा आंदोलन के जरिये विहिप ने धर्म-संस्कृति की रक्षा की है। साथ ही बालवाणी केंद्र, बाल संस्कार केंद्र के माध्यम से युवाओं में भारतीयता भरने का कार्य किया है। युवाओं को प्रशिक्षण देकर सेवा, सुरक्षा व संस्कार का बीज बो रही है। देश की सेवा करने के लिए बजरंग दल जैसे युवाओं के संगठन को भी विहिप अपने नेतृत्व मे आगे बढ़ाती है। विहिप का उद्देश्य भारत को पुन: विश्व गुरु के पद पर आसीन करना है और भारत के खोए हुए गौरव को वापस लाना है।
बजरंग दल के सह प्रांत संयोजक दुर्गेश त्रिपाठी ने कहा कि विहिप की आज देश भर में गाव स्तर तक समिति है। विहिप का मानना है कि संपूर्ण ¨हदू समाज एक है इसको जातियों मे नहीं बांटना चाहिए। संचालन मंत्री मुकुंद शुक्ल ने किया। इस अवसर पर आनंद मिश्र, विभाग संगठन मंत्री अमरजीत, महानगर अध्यक्ष विजय खेमका, महानगर संयोजक देवीलाल, महानगर प्रचार प्रमुख धीरज ओझा, नगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, अनिल सिंह, माया गुप्ता, रिचा वर्मा, स्वीटी, रूपरानी, पंकज मिश्रा, आनंद सिंह, ओमकार, अजय, केशव समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।