Karthik Purnima 2020: गोरखपुर में श्रद्धालुओं ने राप्ती नदी में स्नान कर किया दान
Karthik Purnima 2020 गोरखपुर में सुबह पांच बजे से ही राजघाट पर राप्ती के दोनों तटों पर श्रद्धालु पहुंचने लगे। देखते-देखते बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए और घाट श्रद्धालुओं से भर गए। सूर्योदय के पहले ही स्नान-दान शुरू हो गया।
गोरखपुर, जेएनएन। कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार को राप्ती नदी के राजघाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। लोगाें ने स्नान-दान कर मंगल कामना की। घाट पर ही सत्य नारायण व्रत कथा सुनी और गाय की बछिया का दान किया। माहौल भक्ति, आस्था व उत्साह से लबरेज था। गंगा मइया का जयघोष गूंज रहा था।
सुबह पांच बजे से ही राजघाट पर राप्ती के दोनों तटों पर श्रद्धालु पहुंचने लगे। देखते-देखते बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए और घाट श्रद्धालुओं से भर गए। सूर्योदय के पहले ही स्नान-दान शुरू हो गया। महिलाओं ने गंगा मइया को कड़ाही चढ़ाकर मंगल कामना की। अनेक पुरोहित गाय की बछिया के साथ घाट पर पहुंचे थे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने श्रद्धालुओं को बछिया का दान कराया। मान्यता है कि मृत्यु के बाद वैतरणी नदी को गाय ही पार कराती है।
बच्चों ने भी कमाया पुण्य
बड़े लोगों के साथ स्नान-दान करने बच्चे भी पहुंचे थे। उन्होंने कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान कर पुण्य कमाया। माना जाता है कि इस दिन नदी स्नान से सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं।
तय किया गया था स्नान का स्थान
घाट पर सुरक्षा की दृष्टि से गहरे पानी के पहले बल्ली लगाकर बैरीकेडिंग कर दी गई थी। ताकि कोई श्रद्धालु गहरे पानी में न जाने पाए। बैरीकेडिंग के अंदर ही सभी को स्नान करना था।
मौजूद रही सुरक्षा टीम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कर्मी स्टीमर के साथ मौजूद थे। उनकी दृष्टि श्रद्धालुओं पर थी। किसी भी आपदा की स्थिति के लिए वे तैयार व सतर्क थे। इस पार से उस पार तक स्टीमर के साथ ही उनकी नजरें भी दौड़ रही थीं।
घाट पर लगा रहा मेला
राजघाट पर मेला लगा रहा। चना-जलेबी, गुब्बारों-खिलौनों व घरेलू सामान की दुकानें सजी रहीं। श्रद्धालुओं ने स्नान-दान करने के बाद खरीदारी की। बच्चों ने मेले का खूब लुत्फ लिया। उत्सव का माहौल था।