मुसहरों तक पहुंचने से पहले दम तोड़ रहीं विकास की योजनाएं, सरकारी दावों के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था
महराजगंज में निचलौल ब्लाक के 19 ग्राम पंचायतों में निवास करने वाले मुसहर समुदाय का विकास आजादी के 70 वर्षों बाद भी नहीं हो सका है। जबकि उनके सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए सरकारी योजनाओं को संचालित किया जा रहा है।
गोरखपुर, प्रदीप कुमार गौड़। महराजगंज में निचलौल ब्लाक के 19 ग्राम पंचायतों में निवास करने वाले मुसहर समुदाय का विकास आजादी के 70 वर्षों बाद भी नहीं हो सका है। जबकि उनके सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए सरकार से संचालित लगभग एक दर्जन सामान्य योजनाओं के अलावा आधा दर्जन विशेष योजनाओं को संचालित किया जा रहा है। जो उन तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दे रही हैं। जिसमें शौचालय, मुख्यमंत्री आवास योजना, भीमराव आंबेडकर स्वरोजगार योजना, स्वयं सहायता समूह, वर्मी कंपोस्ट व मनरेगा के तहत अनिवार्य सौ दिन का कार्य शामिल हैं। बावजूद इसके मुसहरों के सामाजिक व आर्थिक स्थिति में सुधार नही हो सका है।
आर्थिक स्थिति में नहीं आया कोई सुधार
निचलौल ब्लाक के ग्राम सगरदीनही के मुसहरों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति में अभी तक कोई सुधार नही हो सका है। अपनी खेती नहीं होने और आय का कोई साधन नहीं होने से मजदूरी पर जीने वाले इस बस्ती में पुरुष वर्ग अन्य प्रदेशों में मजदूरी करने को मजबूर है तो महिलाएं स्थानीय खेतों में मेहनत मजदूरी कर किसी तरह परिवार का गुजारा करते हैं। इस बस्ती में शिक्षा का स्तर बहुत निम्न है। ग्राम सभा में एक प्राथमिक विद्यालय तो है लेकिन वह बच्चों के विद्यालय में नामांकन तक सीमित है।
क्या कहते हैं मुसहर बस्तियों के लोग
सगरदीनही गांव की संगीता बताती हैं कि पति दूसरे शहर में मेहनत मजदूरी करते हैं। जबकि मैं बच्चों के साथ रहती हूं और गांव में मजदूरी कर अपना व बच्चों का पेट पालते हैं। लोग तो तमाम योजनाओं के बारे में बताते हैं। लेकिन उन्हें किसी योजना का लाभ नही मिल पाता है।
न तो आवास मिला न ही शौचालय
सगरदीनही गांव की ही हेवंती बताती हैं कि अभी तक न तो आवास मिला है और ना ही शौचालय मिला है। खेतों में मजदूरी करती है। प्रधान से कई बार कहा गया लेकिन कोई सुनने वाला नही है। आवास नही मिलने से उनका परिवार झोपड़ी में रहता है। वहीं लालमती का कहना है कि गांव में सभी मुसहर जाति के लोग है। जो बहुत गरीब है, लेकिन उन लोगों को कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलता है। आज भी इस टोले के अधिकांश लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं। किसी भी योजना के लिए चक्कर लगाते थक जाते हैं, लेकिन नही मिल पाता है।
नहीं मिला आवास
सगरदीनही गांव के संतोष मुसहर बताते हैं कि अभी भी परिवार टीनशेड में रह रहा है। कई बार प्रधान से कहा गया लेकिन उन्होंने कहा गया कि पहले ही आपके नाम से आवास आवंटित हो चुका है। जबकि उसे 10 वर्ष पूर्व आवास देने के नाम पर एक ट्राली ईट मिला था। जिसके बाद उसे कुछ नहीं मिल पाया है।
निचलौल ब्लाक के 23 गांवों में रहते हैं मुसहर
जिले के निचलौल ब्लाक क्षेत्र में सबसे ज्यादा मुसहर ग्राम सभा है। अकेले इसी ब्लाक में 23 गांव मुसहर ग्राम सभा के रूप में चयनित किए गए हैं। जिसमे अमड़ा उर्फ झुलनीपुर, बड़हरा चरगहा, बढ़या मुस्तकील, बहुआर कला, बजहा उर्फ अहिरौली, बजही, भेड़ियारी, भोथहा, चंदा, डोमा, गेड़हवा, कलनही खुर्द, कनमिसवां, करमहिया, रामचंद्रही, रमगढ़वा, शिकारपुर, सोहगीबरवा, कोल्हुआ, बहुआर कला, ढेसो, पैकौली कला शामिल हैं।
क्या कहते हैं आंकडे
मुसहर ग्राम की कुल आबादी-59355
शौचालय निर्माण का कुल लक्ष्य- 3923
पूर्ण शौचालय- 998
प्रतिदिन 99 शौचालय बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।
सभी पात्रों को मिलेगा सरकारी योजना का लाभ
निचलौल के प्रभारी बीडीओ कर्मवीर केशव बताते हैं कि किसी भी पात्र परिवार को सरकारी योजना से वंचित नहीं होने दिया जाएगा। जो भी पात्र हो अपने सचिव व प्रधान से बताएं। यदि लाभ नहीं मिलता तो मुझसे बताएं। संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।