55 में से 50 किलोमीटर सीवरेज लाइन ध्वस्त
शहर में सीवरेज की 55 किलोमीटर लाइन में से 50 किलोमीटर की लाइन ध्वस्त हो चुकी है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : शहर में सीवरेज की 55 किलोमीटर लाइन में से 50 किलोमीटर की लाइन ध्वस्त हो चुकी है। इस समय केवल पाच किमी सीवरेज लाइन कार्यरत है। यह स्थिति साफ हुई है नगर निगम की रिपोर्ट में। वर्षो से मरम्मत और रख-रखाव न होने से यह हाल हुआ। नतीजतन हल्की सी बारिश शहर के पॉश इलाकों को नाले में तब्दील कर देती है।
1958-59 में शहर के मुख्य हिस्सों में सीवरेज लाइन डाली गई थी। जलकल के अधिकारियों के मुताबिक शुरुआती दौर में ही अलीनगर, दीवान बाजार, बेनीगंज, तिवारीपुर और जाफरा बाजार जैसे इलाकों में सीवरेज सिस्टम फेल हो गया था। उसे ठीक करने की कोशिश भी नहीं की गई। बिलंदपुर से गोलघर, रीड साहब धर्मशाला से मियां बाजार, घंटाघर से रीड साहब धर्मशाला तक सीवरेज लाइन कार्यरत थी, जो धीरे-धीरे ध्वस्त होती जा रही है। इस कारण अक्सर टाउनहाल पर भारी जलभराव होता है। पिछले वर्ष सीवरेज लाइन जाम होने के कारण 20 दिनों तक भालोटिया मार्केट के आसपास गंदा पानी बहता रहा। उसे दुरुस्त कराने को निगम को इलाहाबाद से मशीन मंगवानी पड़ी। दूसरी तरफ जल निगम ने आवास विकास कॉलोनी शाहपुर, बेतियाहाता और महादेव झारखंडी में हाल में ही सीवरेज लाइन बिछाई है। पूरे शहर में सीवरेज का नेटवर्क फैलाने के लिए 702 किलोमीटर पाइप बिछानी पड़ेगी। अमृत योजना के तहत सीवरेज लाइन बिछाई जांएगी। शहर को सात जोनों में बांटकर योजना की स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया है। जल निगम ने दो वर्ष पहले तारामंडल में 30 एमएलडी और 15 एमएलडी की क्षमता वाला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया था। ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन एवं रखरखाव को नगर निगम को 2.48 करोड़, जीडीए को 2.50 करोड़ और आवास विकास परिषद को 1.6 करोड़ जलनिगम को देना है। ---
पुरानी सीवरेज लाइन का अधिकांश हिस्सा ध्वस्त हो चुका है। पूरे शहर में नए सिरे से सीवरेज लाइन का जाल बिछाना पड़ेगा। शहर को सात जोन में बांटकर प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा गया है। अमृत योजना के तहत सीवरेज लाइन बिछाई जानी है।
प्रेम प्रकाश सिंह, नगर आयुक्त