शादी टूटने के बाद भी एक दूसरे के हो गए युवक और युवती, यह था मामला
शादी तय हुई तो दहेज को लेकर शादी टूट गई। चौथे माह युवती लड़के के घर पहुंच गई। उसके बाद दोनो की शादी हो गई।
By Edited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 07:22 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 09:40 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। एक युवती की शादी इसलिए टूट गई कि पिता डिमांड के अनुसार दहेज नहीं दे पाया। बाद में उसी युवक के साथ युवती ने शादी रचा ली। यह दिलचस्प वाकया कुशीनगर जिले का है। इसकी चर्चा अब सबकी जुंबा पर है। बात आपको फिल्मी लग रही होगी, लेकिन है यह पूरी हकीकत। कुशीनगर जिले के कसया तहसील के गांव अहिरौली राय में मंगलवार की सुबह देखने को मिला।
कसया थाना क्षेत्र के गांव अहिरौली राय निवासी सुभाष पटेल के पुत्र अच्छेलाल की शादी हाटा कोतवाली के गांव पगरा निवासी राजाराम की पुत्री संध्या के साथ जनवरी में तय हुई थी। उसकी तिथि भी तय हो गई। इतना सब कुछ हो जाने के बाद बरात आने के कुछ दिन पहले लेन-देन की बात सामने आ गई। इसे लेकर अवरोध खड़ा हुआ तो रिश्ता टूट गया। बात जहां थी, वहीं ठहर गई। बीच में कहानी ने कई मोड़ लिया। इसका असर यह हुआ कि संध्या सोमवार की शाम अचानक अच्छेलाल के घर पहुंच गई। उसने अच्छे लाल से कहा कि मैंने तो उसी समय आपको जीवन साथी मान लिया था, फिर अब कहां जाऊं।
बिना विवाह अच्छेलाल के घर युवती के पहुंचने और शादी की जिद करने की जानकारी होने पर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। युवती को घर लौटने के लिए काफी समझाया, पर वह नहीं मानी। जब संध्या नहीं मानी तो अच्छेलाल भी शादी करने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद मंगलवार को समाज के लोगों ने मिलजुल कर गांव के मंदिर में गाजे-बाजे के साथ दोनों की शादी करवाई।
नवदंपती ने कहा कि शादी संस्कार में परिवारवालों की सहमति तो आवश्यक है, पर सामाजिक कुरीतियों को तोड़ने के लिए हम युवाओं को आगे आना ही होगा। ससुर सुभाष ने कहा कि जब दोनों तैयार हैं तो मुझे क्या आपत्ति है। कुछ बात थी, जिसको लेकर तय रिश्ता टूट गया था। अब कोई गिला शिकवा नहीं है।
कसया थाना क्षेत्र के गांव अहिरौली राय निवासी सुभाष पटेल के पुत्र अच्छेलाल की शादी हाटा कोतवाली के गांव पगरा निवासी राजाराम की पुत्री संध्या के साथ जनवरी में तय हुई थी। उसकी तिथि भी तय हो गई। इतना सब कुछ हो जाने के बाद बरात आने के कुछ दिन पहले लेन-देन की बात सामने आ गई। इसे लेकर अवरोध खड़ा हुआ तो रिश्ता टूट गया। बात जहां थी, वहीं ठहर गई। बीच में कहानी ने कई मोड़ लिया। इसका असर यह हुआ कि संध्या सोमवार की शाम अचानक अच्छेलाल के घर पहुंच गई। उसने अच्छे लाल से कहा कि मैंने तो उसी समय आपको जीवन साथी मान लिया था, फिर अब कहां जाऊं।
बिना विवाह अच्छेलाल के घर युवती के पहुंचने और शादी की जिद करने की जानकारी होने पर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। युवती को घर लौटने के लिए काफी समझाया, पर वह नहीं मानी। जब संध्या नहीं मानी तो अच्छेलाल भी शादी करने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद मंगलवार को समाज के लोगों ने मिलजुल कर गांव के मंदिर में गाजे-बाजे के साथ दोनों की शादी करवाई।
नवदंपती ने कहा कि शादी संस्कार में परिवारवालों की सहमति तो आवश्यक है, पर सामाजिक कुरीतियों को तोड़ने के लिए हम युवाओं को आगे आना ही होगा। ससुर सुभाष ने कहा कि जब दोनों तैयार हैं तो मुझे क्या आपत्ति है। कुछ बात थी, जिसको लेकर तय रिश्ता टूट गया था। अब कोई गिला शिकवा नहीं है।
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