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गोरखपुर शहर में डेंगू मरीजों की बड़ी संख्‍या के बाद भी विभाग बेपरवाह, नहीं हो रहा छिड़काव Gorakhpur News

एंटी लार्वा टेमीफास का छिड़काव जलभराव वाले स्थानों पर कराया जाता है। इससे मच्छर नहीं पनप पाते। ऐसे स्‍थानों पर नियमित तौर पर छिड़काव होना चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 11:15 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 01:00 PM (IST)
गोरखपुर शहर में डेंगू मरीजों की बड़ी संख्‍या के बाद भी विभाग बेपरवाह, नहीं हो रहा छिड़काव Gorakhpur News
गोरखपुर शहर में डेंगू मरीजों की बड़ी संख्‍या के बाद भी विभाग बेपरवाह, नहीं हो रहा छिड़काव Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। शहर में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। प्राइवेट पैथोलॉजी में हुई जांच में रोजाना कई मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो रही है तो सरकारी आंकड़ों में भी मरीज बढ़ रहे हैं। लेकिन डेंगू के मच्छरों को मारने की जिम्मेदारी जिस नगर निगम पर है उसके अफसर हाथ पर हाथ धरकर बैठे हैं। जिन इलाकों में डेंगू के मामले मिल रहे हैं, वहां छिड़काव कर कोरम पूरा किया जा रहा है।

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नहीं हो रहा छिड़काव

एंटी लार्वा टेमीफास का छिड़काव जलभराव वाले स्थानों पर कराया जाता है। इसके छिड़काव से मच्छरों के लार्वा मर जाते हैं। इससे मच्छर नहीं पनप पाते। नियमानुसार नियमित तौर पर जलभराव वाले स्थानों पर एंटी लार्वा का छिड़काव होना चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।

छिड़काव के बारे में पार्षदों को पता ही नहीं

नगर निगम के वार्ड नंबर 64 चकसा हुसैन में जलभराव अब भी है। डेंगू की आहट के बीच यहां एंटी लार्वा का छिड़काव होना चाहिए लेकिन पार्षद मो. एहतेराम हुसैन को ही नहीं पता कि छिड़काव कब होता है। वार्ड में मच्छर बढ़ते जा रहे हैं। अफसर अब काल भी रिसीव नहीं कर रहे हैं। वहीं वार्ड नंबर 65 महुई सुघरपुर में फॉगिंग का ही बुरा हाल है तो एंटी लार्वा छिड़काव की बात करनी ही बेमानी है। पार्षद चंद्रप्रकाश सिंह कहते हैं कि एंटी लार्वा का छिड़काव तो आज तक मैंने ही नहीं देखा। फेसबुक से पता चला कि शहर के कुछ हिस्सों में छिड़काव हुआ था।

छह बजे तक हो जाना चाहिए छिड़काव

मच्छरों के लार्वा सुबह छह बजे तक पानी के सतह पर ज्यादा एक्टिव होते हैं। जैसे-जैसे दिन चढ़ता जाता है लार्वा पानी के अंदर चले जाते हैं। नियमानुसार सुबह छह बजे तक एंटी लार्वा का छिड़काव हो जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जहां छिड़काव किया भी जा रहा है वहां दोपहर बाद। ऐसी स्थिति में एंटी लार्वा का छिड़काव बेअसर है।

हर वार्ड में एक स्प्रे मशीन

नगर निगम के अफसरों का दावा है कि हर वार्ड में सफाईकर्मियों को एक स्प्रे मशीन दी गई है। दवा भी रोजाना उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही जहां स्प्रे कराया जाता है वहां के पांच लोगों का रजिस्टर में दस्तखत कराने का भी आदेश है। हालांकि हकीकत यह है कि कई स्प्रे मशीनें खराब पड़ी हैं।

आप भी बरतें एहतियात

एक सप्ताह तक कहीं पानी भरा न रहने दें। पुरानी टंकी, टूटी बाल्टी और फ्रिज की ट्रे साफ कर दें। जलभराव खत्म नहीं कर सकते तो उस पर मिट्टी का तेल ही डाल दें। सीलन वाले स्थानों पर दवा का छिड़काव जरूर कर लें। कूलर चलाना पड़े तो उसमें दो-तीन बूंद डेटॉल डाल लें। इससे मच्‍छर नहीं पनपेंगे। रात के समय फुल बाजू के कपड़े पहनकर सोएं और बच्चों को भी फुल बाजू के ड्रेस पहनाकर स्कूल भेजें। सोते समय मच्छरदानी जरूर उपयोग करें।

क्‍या कहते हैं मुख्‍य नगर स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी

मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि शहर में एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। जहां जलभराव है वहीं एंटी लार्वा का छिड़काव प्रभावी है। कुछ लोग अपने घरों के आसपास और पौधों पर छिड़काव कराने लगते हैं। इससे कोई फायदा नहीं होता है।


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