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विलंब के बावजूद गेहूं की ये प्रजातियां देंगी अच्‍छा उत्पादन, माह भर पिछड़ चुकी है गेहूं की खेती

गेहूं की कुछ प्रजातियां ऐसी हैं किसान अब से लेकर करीब 15 दिसंबर तक कुछ 15 से 25 दिसंबर तक बोआई कर सकते हैं। उससे भी विलंब होने पर भी किसान अपने खेतों में उन्नत हेलना व हेलना जैसी गेहूं के प्रजाति की बोआई करनी होगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 03:16 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 03:16 PM (IST)
विलंब के बावजूद गेहूं की ये प्रजातियां देंगी अच्‍छा उत्पादन, माह भर पिछड़ चुकी है गेहूं की खेती
नमी कम होने के कारण इस वर्ष गेहूं की खेती माह भर प‍िछड़ गई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। इस वर्ष औसत से अधिक बारिश होने के कारण खेतों में अभी भी नमी बरकरार है। 15 से 20 फीसद धान की फसल अभी भी खेतों में मौजूद है। इससे आशंका है कि गेहूं की बोआई को लेकर किसान अपने सामान्य समय से बेहद पीछे चल रहे हैं। इस समय किसानों को विशेष ध्यान देना होगा। गेहूं की कुछ प्रजातियां ऐसी हैं, जो विलंब होने के बावजूद भी किसानों को अच्‍छा उत्पादन देती हैं। गेहूं की यह अलग-अलग प्रजातियां गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा व चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के द्वारा तैयार किया गया है। इन प्रजातियों का यहां की जलवायु में परीक्षण भी हो चुका है। यह प्रजातियां यहां पर भी अच्‍छा उत्पादन देती हैं। ऐसे में समय को ध्यान में रखकर किसान इन प्रजातियों की बोआई करके प्रति हेक्टेयर 55 से 60 क्विंंटल गेहूं का उत्पादन ले सकते हैं।

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गोरखपुर में करीब 1.9 लाख हेक्टेयर में होती है गेहूं की खेती

जिले के करीब 1.9 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की खेती होती है और इससे करीब 30 हजार हेक्टेयर कम क्षेत्रफल में धान की खेती होती हैं। खजनी, बड़हलगंज, गोला, कैंपियरगंज, पीपीगंज क्षेत्र के अधिकांश किसान बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के होने के कारण धान की खेती करते ही नहीं हैं, लेकिन खेतों में नमी के चलते वह अभी गेहूं की बोआई नहीं कर सके हैं। कुछ किसानों का खेत 15 दिन बाद खेती के तैयार होगा तो किसी का करीब माह भर बाद। ऐसे में किसानों की ङ्क्षचता यह है कि विलंब के चलते कहीं गेहूं का उत्पादन व गुणवत्ता प्रभावित न हो। गेहूं की कुछ प्रजातियां ऐसी हैं, किसान अब से लेकर करीब 15 दिसंबर तक, कुछ 15 से 25 दिसंबर तक बोआई कर सकते हैं। उससे भी विलंब होने पर भी किसान अपने खेतों में उन्नत हेलना व हेलना जैसी गेहूं के प्रजाति की बोआई करनी होगी, लेकिन यह बोआई भी 10 जनवरी से पहले हो जानी चाहिए। तभी किसानों को गेहूं का अच्‍छा उत्पादन मिलेगा।

जिसे बोकर किसान अपने खेतों से अ'छा उत्पादन ले सकते हैं।

15 दिसंबर तक- एचडी 2967, डीबीडब्लू- 187, एचडी 3226

25 दिसंबर तक- डीबीडब्लू-107, पीबीडब्लू 373, एनडब्लू- 1014

10 जनवरी तक- उन्नत हेलना, हेलना।

एचडी2967, डीबीडब्लू- 187, एचडी 3226, डीबीडब्लू-107, पीबीडब्लू 373, एनडब्लू- 1014 गेहूं की उन्नतिशील प्रजातियां हैं। इनकी बोआई देर से भी की जा सकती है और इसका उत्पादन भी अच्‍‍छा है। कृष विज्ञान केंद्र बेलीपार इसका परीक्षण भी करा चुका हैं। यहां की मिट्टी में इनका उत्पादन भी अ'छा रहा है। किसान इसकी खेती से अ'छा लाभ ले सकता है। - डा. एसके तोमर, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार।


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