डिप्टी सीएम बृजेश पाठक बोले- सिद्धार्थनगर बनेगा कालानमक का मुख्य कार्यालय, प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निरीक्षण के दौरान चिकित्सकों की पूरी संख्या न बताने पर सीएमओ को फटकार लगाई। इसके बाद वे कस्तूरबा गांधी विद्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने छात्राओं से पढ़ाई व खाने की गुणवत्ता सहित अन्य जानकारी हासिल किया।
सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि कालानमक हमारी मिट्टी की उपज है। हमारी चीज कोई और न हथिया ले, इसके लिए हमे जागरूक होना होगा। हमें कालानमक की ढंग से ब्राडिंग करनी होगी। इसका पैकेजिंग कराते समय उस पर बुद्ध के कालानमक का ट्रेड मार्क देना होगा। पैकेट पर हमें कालानमक क्या है और उसका इतिहास क्या है, इसके विषय में जानकारी देनी होगी। कालानमक को विश्व बाजार देना होगा। इसके लिए कालानमक का सिद्धार्थनगर में मुख्य कार्यालय स्थापित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उस कार्यालय का उद्घाटन कराया जाएगा।
डिप्टी सीएम ने जिलाधिकारी को दी यह जिम्मेदारी
उप मुख्यमंत्री ने इसके लिए जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी को छह माह का समय दिया है। उन्होंने बताया कि कालानमक की खेती व बाजार को प्रोत्साहित करने के लिए 20 लाख रुपये नीति आयोग से मिले हुए हैं। 50 लाख रुपये सांसद निधि से मिलने जा रहे हैं। इन रुपयों से सिद्धार्थनगर मुख्यालय पर कालानमक का एक भव्य कार्यालय खोला जाएगा। वहां कालानमक विभिन्न प्रजातियां रहेंगी। कालानमक के सूखे उत्पाद भी रहेंगे। ताकि लोग तत्काल खाकर उसकी विशेषताओं को जान सकेंगे। इतना ही नहीं उस कार्यालय से कालानमक की बिक्री हो सकेगी। इसके अलावा कालानमक को लेकर किसी को कोई समस्या रहेगी तो उसे दूर भी किया जा सकेगा।
कालानमक को बड़ा बाजार देने के लिए करेंगे प्रयास
यह बातें उप मुख्यमंत्री कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिले की समीक्षा बैठक के दौरान कहीं। इस दौरान उन्होंने उप निदेशक कृषि से जिले में कालानमक के क्षेत्रफल के विषय में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जिले में कालानमक का क्षेत्रफल 12 हजार हेक्टेयर है। पहले यह पांच हजार हेक्टेयर में बोया जाता था। इस समय यह बढ़कर 12 हजार हेक्टेयर हो गया है। उप मुख्यमंत्री ने उप कृषि निदेशक से कालानमक की कीमत के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर कालानमक 120 से 150 रुपये किलो के भाव से बिकता है, लेकिन जिले में एक किसान इसे 1525 रुपये किलो भी बेच रहा है। वह इसकी आर्गेनिक खेती करता है और पैकेजिंग करके उसकी बिक्री करता है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कालानमक को बड़ा बाजार देने के लिए हमें पूरी तन्मयता से लगना होगा। तभी विश्व में सिद्धार्थनगर की पहचान कालानमक से होगी।
चिकित्सकों की अधूरी सूचना पर भड़के उप मुख्यमंत्री
समीक्षा के दौरान उप मुख्यमंत्री ने जिले में चिकित्सकों की संख्या अधूरी मिलने पर सीएमओ पर नाराजगी जतायी। उप मुख्यमंत्री ने सीएमओ डा.बीके अग्रवाल से जिले चिकित्सकों के सृजित कुल पदों की संख्या पूछी। साथ ही यह भी पूछा कि यहां तैनाती कितने की है। उन्होंने सूची में संविदा पर तैनात चिकित्सकों को नहीं जोड़ा था। उप मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह से सिद्धार्थनगर की गलत छवि प्रस्तुत की जा रही है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनगर में कुल 168 चिकित्सकों के पद सृजित हैं। उसके सापेक्ष तैनाती 131 चिकित्सकों की है। 68 चिकित्सक संविदा के हैं। इस तरह जिले में सृजिद पदों के सापेक्ष 31 चिकित्सक अधिक हैं। गलत रिपोर्ट देने के लिए उप मुख्यमंत्री ने सीएमओ को फटकार लगाई। उन्होंने सीएमओ से सिद्धार्थनगर में तैनात एडिशनल सीएमओ की जानकारी लिया। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि वह रोजाना सुबह दो घंटे किसी न किसी चिकित्सालय में जाकर ओपीडी(बाह्य रोगी विभाग) देखेंगे। उसके बाद अस्पताल का निरीक्षण करेंगे। उप मुख्यमंत्री ने मेडिकल कालेज के प्राचार्च डा.एके झा को मेडिकल कालेज में उपलब्ध चिकित्सकों व दवाओं नाम का डिस्प्ले बोर्ड लगाने को कहा। सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि मेडिकल कालेज में चिकित्सक के न रहने से लोगों का अल्ट्रासाउंड नहीं होता पाता है। उप मुख्यमंत्री ने प्राचार्य को निर्देशित किया कि किसी भी हाल में अल्ट्रासाउंड मशीन बंद नहीं रहनी चाहिए।
प्रधान जी, आपके गांव में काम करती है जलजीवन मिशन योजना
समीक्षा बैठक के दौरान विधायक शोहरतगढ़ ने जलजीवन मिशन योजना की शिकायत की। उप मुख्यमंत्री ने अधिशासी अभियंता जलनिगम से योजना की जानकारी ली। कितने गांवों में योजना संचालित हो रही है, इसकी जानकारी ली। उन्होंने एक ग्राम प्रधान से बात कराने के लिए कहा। उप मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधान से पूछा कि प्रधान जी आपके गांव में जलजीवन मिशन योजना किस तरह काम कर रही है। उपमुख्यमंत्री ने इसके अलावा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि गोआश्रय स्थलों के निर्माण पर ध्यान दें। उन्होंने जिलाधिकारी से पर्यटन की स्थिति की जानकारी ली। साथ ही जिले में संचालित योजनाओं की जानकारी ली। पता चला कि नीति आयोग के जरिये जिले में 100 योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उप मुख्यमंत्री ने योजनाओं समुचित क्रियान्यवन के लिए संबंधित तहसीलों के एसडीएम को नोडल बनाने के लिए कहा है।
बैठक में यह रहे मौजूद
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व बांसी विधायक जय प्रताप सिंह, कपिलवस्तु विधायक श्याम धनी राही, शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा, सीडीओ जयेंद्र कुमार, एसपी अमित कुमार आनंद, डीएफओ चंद्रेश्वर सिंह आदि मौजूद रहे।