गोरखपुर में डेंगू का कहर जारी, शहरियों पर ज्यादा अटैक कर रहा 'टाइगर, आंकड़ा यहां देखें Gorakhpur News
यह बीमारी बक्शीपुर अलीनगर शेखपुर तुर्कमानपुर रायगंज गोरखनाथ बरगदवां राप्तीनगर पादरी बाजार चारुचंद्रपुरी व रेती रोड सहित अनेक कालोनियों तक फैल चुकी है।
गोरखपुर, जेएनएन। डेंगू के मच्छर एडिज एजिप्टाइज को टाइगर भी कहते हैं। इसका सबसे ज्यादा अटैक शहरियों पर हो रहा है। गांवों के लोगों को यह बीमारी ज्यादा परेशान नहीं कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के मुताबिक जिले में कुल 73 मामलों में डेंगू की पुष्टि हुई जिसमें से 54 शहरी क्षेत्र के और 19 ग्रामीण क्षेत्र के हैं।
इन मोहल्लों में डेंगू के मरीज
स्वास्थ्य विभाग लगातार सर्वे कर एंटी लार्वा का छिड़काव कर रहा है, लेकिन डेंगू की बीमारी फैलती जा रही है। यह बीमारी बक्शीपुर, अलीनगर, शेखपुर, तुर्कमानपुर, रायगंज, गोरखनाथ, बरगदवां, राप्तीनगर, पादरी बाजार, चारुचंद्रपुरी व रेती रोड सहित अनेक कालोनियों तक फैल चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने नगर निगम के साथ मिलकर संबंधित स्थानों पर सर्वे कर एंटी लार्वल का छिड़काव व बुखार के मरीजों की जांच शुरू की है।
26,100 घरों के हुए डोर टू डोर सर्वे
कुल 26,100 घरों के डोर टू डोर सर्वे में ऐसे एक तिहाई से अधिक ब्रीडिंग साइट्स मिले हैं, जो डेंगू के मच्छर के सुरक्षित ठिकाने हो सकते हैं। विश व गलैक्सो स्मिथ क्लीन के सर्वे में कुल 9286 घरों में ऐसे ब्रीडिंग साइट्स पाए गए जहां डेंगू के मच्छर पनप सकते हैं। इन ब्रीडिंग साइट्स में कूलर, फ्रिज, गमले, प्लास्टिक के कंटेनर टायर, घर के बाहर कोई पक्का छोटा गड्ढा प्रमुख तौर पर शामिल है। विश के प्रोग्राम मैनेजर अंजुम गुलरेज ने बताया कि सर्वे के दौरान 5860 कूलर और 8375 फ्रिज को भी चेक किया गया था, जिसमें सबसे अधिक ब्रीडिंग साइट्स कूलर के भीतर पाए गए।
जहां मिले लार्वा, वहां हो रहा छिड़काव
इस संबंध में जिला मलेरिया अधिकारी डा. एके पांडेय का कहना है कि महानगर में अनेक कॉलोनियों में सर्वे कराया गया। जहां भी डेंगू मच्छर के लार्वा मिले, वहां एंटी लार्वा का छिड़काव के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी किया गया।
साफ पानी में पैदा होते हैं डेंगू के मच्छर
इस संबंध में सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि डेंगू के मच्छर साफ व स्थिर पानी में पैदा होते हैं। इसलिए अपने घरों के आसपास साफ पानी जमा न होने दें।