दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेले में किसानों को बताया उन्नत खेती के गुर
संतकबीर नगर जिले के सांथा विकास खंड के ग्राम पंचायत गोपालपुर में 31 दिसंबर को पशु आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि प्रधान अनुभवजीत यादव रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मंत्रोच्चार के बाद दीप प्रज्वलित करके हुई।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। संतकबीर नगर जिले के सांथा विकास खंड के ग्राम पंचायत गोपालपुर में 31 दिसंबर को पशु आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि प्रधान अनुभवजीत यादव रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मंत्रोच्चार के बाद दीप प्रज्वलित करके हुई। इस दौरान 472 पशुओं की जांच करके टीका लगाया गया। मुफ्त में दवा भी दिया गया।
किसानों की आय दो गुणी करने पर दिया गया जोर
ग्राम पंचायत गोपालपुर में दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेले में किसानों की आय दोगुनी करने पर बल दिया गया। मुख्य अतिथि प्रधान अनुभवजीत यादव व डा. आरके द्विवेदी ने कहा कि पशुपालकों को नवीन तकनीकी के साथ कार्य करने की जानकारी दी जा रही है। इसके लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। पशु चिकित्साधिकारी डा. एसके शर्मा ने कहा कि पशुपालकों को वर्गीकृत तकनीकी अपनाकर बछिया उत्पादन करने पर जोर देना चाहिए।
पशुओं को तीन पर देनी चाहिए कृमि नाशक दवा
पशुओं को तीन माह पर कृमि नाशक दवा देनी चाहिए। पौष्टिक तत्वों से भरपूर मिनरल पाउडर सहित अन्य दवाओं का वितरण किया गया। इसके साथ ही अन्य डाक्टरों द्वारा आयुर्वेदिक दवाओं एवं घरेलू उपचार की सलाह दी गई। इस दौरान डाक्टर श्रवण कुमार,डाक्टर अरविंद शर्मा,डाक्टर दिनेश कुमार वर्मा, विनोद कुमार, सत्यनारायण शर्मा, राम लखन यादव, सुरेश कुमार, सुनिल, मुजाहिद, ब्रह्मदेव चौधरी, राम नरायन, अमरेश,लालू निषाद, शेखर यादव समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
सूखी घास के सहारे पेट भर रहे पशु
सरकार बेसहारा पशुओं को सहारा देने के लिए धन उपलब्ध करवा रही है। लेकिन संतकबीरनगर में अधिकारियों की मनमानी के चलते बेसहारा पशु सूखी घास व सूखा भूसा खाकर पेट भर रहे हैं। कटया पशु आश्रय केंद्र इसका उदाहरण है। धनघटा तहसील के कटया पशु आश्रय केंद्र पर शुक्रवार को कुछ पशु सुखा पुआल खाकर पेट भरते दिखे। वहीं कुछ पशु मैदान में सूखी घास को चरकर पेट भरते हुए दिखी।
सूखे भूसे व पुआल के जरिए पाले जा रहे पशु
पूछने पर आसपास के लोगों ने बताया कि सूखा भूसा व सूखा पुआल के सहारे ही यहां पशुओं को पाला जा रहा है। इसकी वजह से ये कमजोर होते जा रहे हैं। इनके स्वास्थ्य की जांच नियमित रूप से नहीं की जाती। इसलिए ये बीमार भी पड़ते रहते हैं। प्रधान व पंचायत सचिव इन पशुओं पर ध्यान नहीं देते। बीडीओ भी जांच कर कार्रवाई करना उचित नहीं समझते। बीडीओ अमरेश चौहान ने बताया कि इसकी जानकारी प्राप्त करके उचित कार्रवाई की जाएगी।