लोहिया आवंटियों को नहीं मिल रहा कब्जा, 5.86 करोड़ लौटाएगा जीडीए
गोरखपुर में लोहिया आवास में कब्जा दिलाने में असमर्थ जीडीए अब ब्याज की रकम वापसी देने को तैयार हो गया है। कुल 5.86 करोड़ मिलेंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। लंबी लड़ाई के बाद ब्याज की रकम वापसी को लेकर लोहिया इन्क्लेव के आवंटियों को जीत मिल गई। जीडीए बोर्ड की बैठक में एक मुश्त फ्लैट की रकम जमा करने वाले आवंटियों को 5.86 करोड़ रुपये लौटाने की मंजूरी मिली। इन आवंटियों को प्राधिकरण ढाई लाख रुपये से चार लाख रुपये तक की धनराशि लौटाएगा। जिन आवंटियों ने अतिरिक्त धनराशि जमा कर दी है, जीडीए उनके ब्याज की रकम खाते में भेजेगा।
बोर्ड ने यह फैसला भी किया कि लोहिया इन्क्लेव के आवंटियों को आवास का कब्जा देने के लिए जीडीए एनजीटी में अपील दाखिल करके अनुमति मांगेगी।
इस वजह से नहीं मिल पा रहा कब्जा
रामगढ़ ताल के पांच सौ मीटर के दायरे में आने के चलते फिलहाल लोहिया आवंटियों को कब्जा नहीं मिल पा रहा। इन्क्लेव के 492 आवासों में से 435 आवास आवंटित किए जा चुके हैं। आवास पर आवंटियों को दो वर्ष पूर्व ही कब्जा मिलना था। आवंटन के समय जीडीए ने फ्लैट की कीमत में निर्माण पूरा होने के लिए तय दो साल के ब्याज की रकम भी जोड़कर ले ली थी, जबकि कई आवंटियों ने एकमुश्त रकम जमा कर दी थी। नियमानुसार ऐसे आवंटियों से ब्याज की रकम नहीं ली जानी चाहिए थी। आवंटियों को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने रकम वापसी के लिए संघर्ष छेड़ दिया।
विधान सभा में भी उठा था मामला
नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने मामला विधानसभा में भी उठाया। बाद में जीडीए ने गलती मानी और रकम वापसी के लिए तैयार हो गया। बैठक में तय हुआ कि लोहिया इन्क्लेव के बाकी बचे आवासों को अलोकप्रिय घोषित किया जाएगा। उनके रेट भी रिवाइज किए जाएंगे। इसका प्रस्ताव बोर्ड की अगली बैठक में रखा जाएगा।
एयरफोर्स से अनुमति के बाद बदला जाएगा नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा
बैठक में एयरफोर्स के आसपास नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा बदलने पर सहमति नहीं बन सकी। चर्चा के बाद यह निर्णय हुआ कि जीडीए महायोजना-2021 के मानचित्र से पहले यह तय करेगा कि कौन से इलाके 900 मीटर के दायरे में हैं और कौन से 100 मीटर के। क्षेत्र चिह्नित करने के बाद उस प्रपत्र को एयरफोर्स के पास भेजा जाएगा। एयरफोर्स की अनुमति के बाद ही दायरा बदलने पर विचार किया जाएगा।
महंगा होगा नक्शा पास कराना
जीडीए बोर्ड ने अंबार व निरीक्षण शुल्क बढ़ाने को मंजूरी दी है। इसके बाद अब नक्शा पास कराना महंगा हो जाएगा। इस समय नक्शा पास करने के लिए जीडीए विकास शुल्क के नाम पर प्रति वर्ग मीटर 700 रुपये लेता है। इसके अलावा अंबार और निरीक्षण शुल्क भी लिया जाता है। बीते दिनों आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने अंबार शुल्क 13.50 रुपये की जगह 40 रुपये प्रति वर्ग मीटर और निरीक्षण शुल्क प्रति वर्ग मीटर पाच रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया है। इस बढ़ोत्तरी पर बोर्ड ने मंगलवार को मुहर लगा दी।
इनपर भी लगी जीडीए बोर्ड की मुहर
-प्रधानमंत्री आवास के निर्माण में आने वाले 140 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की शासन से मांग।
-रामगढ़ ताल के सामने नुमाइश ग्राउंड पर कार्यक्रम के लिए देने होंगे जीएसटी के साथ 30 हजार रुपये।
-रामगढ़ ताल में मछली मारने का ठेका पाने वाली समिति को पहली किश्त में आठ की जगह अब देने होंगे चार करोड़ रुपये।
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