पुलिस जांच में गुम हो गया एक मर्डर, एक साल बाद भी मरने वाले की पहचान नहीं Gorakhpur News
हत्यारों का पता लगाने के लिए पुलिस ने आसपास के इलाके में घरों और दुकानों के बाहर लगे सीसी कैमरों की फुटेज खंगाली थी लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। पुलिस तब भी खाली हाथ थी और आज भी खाली हाथ है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोतवाली इलाके के दीवान बाजार में 18 अक्टूबर 2019 को तड़के ताजी हवा में सांस लेने निकले लोगों के डर के मारे पसीने छूट गए थे। वजह थी थवई पुल के पास बीच सड़क पर पड़ा खून से लथपथ युवक का शव। ईंट से सिर कूंचकर उसकी हत्या की गई थी। पुलिस ने उस दिन घटना का बहुत जल्द पर्दाफाश कर लेने का दावा किया था। करीब एक वर्ष बीत जाने के बाद भी हत्या के रहस्य से पर्दा उठाने की बात तो दूर पुलिस मृत युवक की शिनाख्त तक नहीं कर पाई। मामले की फाइल कोतवाली थाने में धूल फांक रही है। हत्यारों का सुराग लगा पाने में नाकाम पुलिस अब फाइल बंद करने की तैयारी में है।
युवक की उम्र 30 वर्ष के आसपास रही होगी। वह पीली टी शर्ट और नीले रंग का लोअर पहने था। कपड़ों की तलाशी में कुछ ऐसा नहीं मिला, जिससे उसकी शिनाख्त हो सके। डाग स्क्वाड की भी मदद ली गई, लेकिन खोजी कुत्ता घटनास्थल से कुछ दूर जाने के बाद वापस लौट आया था। हत्यारों का पता लगाने के लिए पुलिस ने आसपास के इलाके में घरों और दुकानों के बाहर लगे सीसी कैमरों की फुटेज खंगाली थी, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। पुलिस तब भी खाली हाथ थी और आज भी खाली हाथ है।
घटनास्थल पर मिले थे ये सामान
शव के पास खून से सनी ईंट पड़ी थी, जिससे सिर कूंचकर युवक की हत्या की गई थी। पास में एक जोड़ी चप्पलें पड़ी थीं। पानी और नमकीन के खाली पैकेट भी पड़े थे। उस समय पुलिस ने अनुमान लगाया था कि खाने-पीने के दौरान विवाद में युवक की हत्या की गई है।
दूसरे जिलों की पुलिस से भी नहीं मिली मदद
ऐसा नहीं है कि पुलिस ने युवक की शिनाख्त कराने का कोई प्रयास नहीं किया। युवक के शव का फोटो आसपास के जिलों की पुलिस को भेजकर उसकी पहचान कराने में मदद मांगी गई थी। बिहार के सीमावर्ती जिलों की पुलिस को भी युवक का फोटो भेजकर शिनाख्त कराने का प्रयास किया था। रेलवे और बस स्टेशनों पर शव की तस्वीर का पोस्टर लगवाकर शिनाख्त करने की अपील की गई थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। कोतवाली के पुलिस क्षेत्राधिकारी बीपी सिंह का कहना है कि युवक की शिनाख्त कराने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। युवक की पहचान न हो पाने से तफ्तीश आगे नहीं बढ़ पा रही है। पहचान होने के बाद ही हत्या के रहस्य से पर्दा उठ पाएगा।