गायघाट कस्बे में बंदर की निकाली गई शव यात्रा
छत से कूदते समय छज्जा टूटने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गया था। ग्रामीणों ने उसका उपचार कराया।
जागरण संवाददाता, गायघाट, बस्ती : कलवारी थाना क्षेत्र के गायघाट कस्बे में एक बंदर सोमवार को छत से कूदते समय छज्जा टूटने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गया था। ग्रामीणों ने उसका उपचार कराया। दूसरे दिन मंगलवार की रात करीब नौ बजे उसकी मृत्यु हो गई। बुधवार को सुबह कस्बा वासियों ने ठेले पर बंदर का शव रख, उस पर फूल माला चढ़ाए और शव यात्रा निकाली। हिदू रीति रिवाज के हिसाब से उसका शव नौरहनी घाट पर दफनाया गया।
कस्बेवासियों ने बताया कि गंभीर रूप से घायल बंदर को एंबुलेंस की मदद से राजकीय पशु चिकित्सालय कुदरहा ले जाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद कस्बा निवासी रामचंद्र सोनकर बंदर को अपने घर ले आए। दूसरे दिन रात में उसकी मौत हो गई। कस्बे के लोगों ने बंदर का अंतिम संस्कार हिदू रीति रिवाज के अनुसार करने का निर्णय लिया। मृत बंदर को पीले रंग के नए वस्त्र पहनाए गए। इसके बाद बंदर के शव को एक ठेले पर रखकर उसे श्रद्धांजलि दी गई। बाद में उसकी शव यात्रा निकाली गई।
इस मौके पर रामकेश अग्रहरि, मोहम्मद चांद, कल्लू सोनकर, राम सुरेश, लालमन, रामकुमार, अशोक, राम पलट, मनोज, अजय, लालचंद मद्धेशिया, जितेंद्र, अखिलेश गोस्वामी, राहुल, राजू सोनकर, जितेंद्र सोनकर, दीपचंद आदि मौजूद रहे। महज दो मुकदमे अब तक वापस
बस्ती: शासन स्तर से प्राप्त निर्देश के अनुपालन में पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव द्वारा कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन से संबंधित दर्ज मुकदमों में से दो की वापसी करा ली गई है। शेष की वापसी के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कोरोना अवधि में पराली जलाने संबंधी धारा 188 में पंजीकृत अभियोग जो जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय में लंबित है, की वापसी के लिए शासन को चार दिसंबर को रिपोर्ट भेजी गई है।