Daughter's Day 2020: इस बेटी के जज्बे को सलाम, लाचार नहीं जिम्मेदार बन पिता का सहारा बनी लाडली- पढ़िए पूरी कहानी
Daughters Day 2020 महराजगंज जिले की बेटी आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही है। पिता की आर्थिक सहायता के लिए रीता पेट्रोल पंप पर काम कर रही है। उसके कार्य हो हर कोई सराह रहा है। वहीं परिवार के लोग भी उस पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
महराजगंज, सुशील शुक्ल। गर्दिशों में हमेशा मुश्किलों से लड़ी हूं, बेटी हूं, खुद्दार हूं लाचार नहीं, हौसलों से अपने किस्मत की लकीर खींचती हूं! जी हां हौसले से तकदीर बदलने की दृढ़ इच्छा रखने वाली भिटौली की बेटी रीता नारी सशक्तीकरण की मिसाल बन गई है। जो लोग समझते हैं कि बेटियों का दायरा चौखट और रसोई तक सीमित है, उनकी सोच को बदलने के लिए भिटौली पेट्रोल पंप पर मेहनत करने वाली रीता विवश कर दे रही है। बेटी अपने हुनर और हौसलों से किस तरह बेटों की बराबरी कर रही है।
चाय की दुकान चलाते हैं पिता
भिटौली निवासी परशुराम गुप्ता की एक छोटी सी चाय की दुकान है। उनके परिवार में पांच बेटियां और एक छोटा बेटा हैं। दूसरे नंबर की बेटी रीता बीए की पढ़ाई करने के बाद पिता की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए भिटौली में पेट्रोल पंप पर काम कर रही हैं। वह पंप पर वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरने से लेकर रुपयों का हिसाब-किताब रखने एवं पंप पर अन्य कार्य पूरी दक्षता के साथ कर रही हैं।
रीता के काम से खुश है पूरा परिवार
पहली बार पेट्रोल पंप पर किसी बेटी को काम करते देख लोगों का कहना है महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह बड़ा कदम है। रीता का कहना है कि हमारे काम से हमारे स्वजन भी बहुत खुश हैं। पंप के मालिक शरद कुमार सिंह ने कहा कि रीता पूरी लगन और मेहनत से पंप पर पेट्रोल-डीजल, भरने, रुपयों का हिसाब-किताब रखने का कार्य सीख गई। अब सुबह से शाम तक वह ही पेट्रोल पंप संभाल रही है।
क्या कहती हैं रीता
भिटौली की रीता गुप्ता ने बताया कि जो कार्य सभी कर सकते हैं, वह कार्य लड़की भी कर सकती है। पेट्रोल पंप पर कार्य करने में कोई भी दिक्कत नहीं हो रही है। समाज भी सहयोग कर रहा है। पंप पर पेट्रोल-डीजल भरने एवं ग्राहकों से पैसे लेने सहित सभी कार्य हम कर रहे हैं। मेरे आत्मनिर्भर होने से पिता की आर्थिक स्थिति भी बेहतर हुई है।