कुशीनगर में नारायणी की बेग से रिंग बाध टूटा, देवरिया में सरयू खतरे के निशान से ऊपर Gorakhpur News
कुशीनगर जिले के तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के दुदही विकास खंड में स्थित अमवाखास बांध के पास हसुअही तक बना एक किमी लंबा रिंग बांध शनिवार की सुबह लगभग 200 मीटर की लंबाई में कट गया।
गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर जिले के तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के दुदही विकास खंड में स्थित अमवाखास बांध के पास हसुअही तक बना एक किमी लंबा रिंग बांध शनिवार की सुबह लगभग 200 मीटर की लंबाई में कट गया। यहां नारायणी नदी की धारा बैक रोलिंग करते हुए कटान को अंजाम दे रही है। रिंग बांध कटने का परिणाम यह है कि अब नदी की धारा से मेन बांध की दूरी महज पांच मीटर शेष रह गई है। बचाव कार्य के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है। एसडीएम अरविंद कुमार व सीओ राणा महेंद्र प्रताप सिंह ने रात भर बांध पर कैंप किया। बाढ़ विभाग व अधिशासी अभियंता द्वारा बचाव कार्य में लापरवाही से ग्रामीण उग्र हैं। रात से ही लोग गांव छोड़ कर अपने सामान, बच्चों व महिलाओं सहित सुरक्षित स्थान पर पलायन कर रहे हैं।
डीएम मौके पर पहुंचे, की समीक्षा
डीएम डा. अनिल कुमार सिंह ने राजस्व कर्मियों व ग्राम पंचायत अधिकारी को निर्देशित किया कि वे प्रभावित परिवारों को सूचीबद्ध कर पूरा ब्योरा उपलब्ध कराएं। अशर्फी यादव, मुन्नीदेव मिश्र व ग्राम पंचायत सदस्यों ने डीएम से बांंध को बचाने की मांग की। डीएम ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि किसी भी हालत में बांध को कटने नही दिया जायेगा।
विधायक ने प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप
कांग्रेस के विधायक अजय कुमार लल्लू कटान की खबर पर मौके पर पहुंच पीडितों का कुशलक्षेम जाना। उन्होंने कटान के लिए सीधे विभागीय अभियंताओं पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए फटकार लगाई।
देवरिया के बरहज में सरयू खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर
देवरिया जिले में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।सरयू नदी खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर प्रवाहित हो रही है। राप्ती व गोर्रा नदी के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि हो रही है। सरयू नदी के बाढ़ के पानी से नदीपार का गांव विशुनपुर देवार के नुरूलाहपुर बंधे के अंदर के टोले घिर गए हैं। परसिया देवार के दसरसरिया के भर टोला के करीब बाढ़ का पानी पहुंच गया है। कटइलवा गांव में बाढ़ खंड के कर्मचारी लगे बम्बोक्रेट को दुरुस्त करने में जुटे हैं। बाढ़ खंड के मेठ बबलू सोनकर ने बताया कि बम्बोक्रेट के कारण नदी किनारे सिल्ट जमा हो रही है। इससे कटान का असर कम हुआ है। नदी के तटवर्ती गांवों में बाढ़ को लेकर लोगों में दहशत है।