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तीन नदियों के दबाव में फिर डूबेगा दक्षिणांचल

गोरखपुर : मानसून आने की तारीख ही दक्षिणाचल के लोगों को दशहत में डाल दे रही है। जर्जर हाल

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 07:00 AM (IST)
तीन नदियों के दबाव में फिर डूबेगा दक्षिणांचल
तीन नदियों के दबाव में फिर डूबेगा दक्षिणांचल

गोरखपुर : मानसून आने की तारीख ही दक्षिणाचल के लोगों को दशहत में डाल दे रही है। जर्जर हालत में पहुंच चुके अधिकांश तटबंध धनाभाव के कारण अभी भी जीर्णशीर्ण हालत में पड़े हैं। जाहिर है कि बांध की मरम्मत और कटान स्थल पर बचाव कार्य समय से पूर्ण नहीं हुआ तो घाघरा, राप्ती व कुआनों नदी इस बार भी दक्षिणाचल के अधिकाश हिस्से को अपनी जद में ले लेगी। सर्वाधिक चिंता बांध के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को है, जिन्हें डर है कि अगर बांध की मरम्मत का कार्य समय से शुरू नहीं हुआ तो जनहानि के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा।

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जनपद के दक्षिणांचल हिस्से को राप्ती (54.52 किमी), घाघरा (18.6 किमी) और कुआनों (34 किमी) के प्रलयंकारी रूप से बचाने की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड दो की है। 107.2 किमी लंबे बाध के रख-रखाव के लिए शासन ने अब तक यहां मात्र 40 लाख रुपये ही अवमुक्त किए हैं, जबकि विभाग ने तीनों नदियों पर बाढ़ से बचाव कार्य के लिए करीब सौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। हैरत की बात यह है कि करीब 55 करोड़ रुपये के प्रस्ताव फरवरी माह में ही तत्कालीन मुख्य अभियंता गंडक बीपी सिंह की तरफ से भेजा गया था, लेकिन अभी तक मुख्य अभियंता समिति की मुहर नहीं लग सकी। पिछले साल ही बोक्टा-बरवार बाध पर नौसड़ पुलिस चौकी के पास ओवर फ्लो की स्थिति बन गई थी, जिसे ग्रामीणों के प्रयास से किसी तरह बचाया जा सका था। इसके अलावा कोलिया और कालेसर में भी कई जगह रिसाव हुआ था। बोक्टा-बरवार बांध पर (किमी 1.970 से 2.270 के मध्य कालेसर कटान स्थल) बाढ़ सुरक्षा के लिए 4.35 करोड़ की परियोजना बनाकर शासन को भेजी गई, लेकिन अभी तक उस पर कोई स्वीकृति नहीं मिल सकी है। एआर के मद में भी नौ करोड़ की डिमाड भेजी गई थी लेकिन विभाग को 40 लाख रुपये ही मिल सके हैं।

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इन पर है बजट का इंतजार

-राप्ती नदी के दाएं तट पर निर्मित कंसापुर खुटभार तटबंध पर बाढ़ सुरक्षा हेतु परियोजना (799.96 लाख)

-राप्ती नदी के दाएं तट पर निर्मित गरयाकोल रिंग तटबंध पर बाढ़ सुरक्षा हेतु परियोजना (668.73 लाख)

-राप्ती नदी के दाएं तट पर निर्मित गगहा रकहट असवनपार तटबंध कटान स्थल पर बाढ़ से सुरक्षा हेतु परियोजना (758.25 लाख)

-राप्ती नदी के दाएं तट पर निर्मित बैरियाददरी सेमरा तटबंध की सुरक्षा हेतु परियोजना (661.02 लाख)

-राप्ती नदी के दाएं तट पर निर्मित बोक्टा बरवार तटबंध के मध्य कालेसर कटान स्थल पर बाढ़ से सुरक्षा हेतु परियोजना (435.70 लाख)

-राप्ती नदी के दाएं तट पर निर्मित असवनपार गहिरा घाट तटबंध पर बाढ़ से सुरक्षा हेतु परियोजना (503.80 लाख)

-राप्ती नदी के दाएं तट पर निर्मित सेमरा नवलपुर तटबंध पर अच्छेडीह कटान स्थल पर बाढ़ से सुरक्षा हेतु परियोजना (1118.22 लाख)

-राप्ती नदी के दाएं तट पर निर्मित बैरियाददरी सेमरा तटबंध के मध्य कटान स्थल पर बाढ़ से सुरक्षा हेतु परियोजना (650.21 लाख)

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सीएम की घोषणा वाले कार्यो पर भी बजट नहीं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा वाले कार्यो पर भी बजट का इंतजार है। बोक्टा-बरवार बाध पर नदी की ओर से कालेसर से नौसड़ तक बोल्डर पीचिंग का कार्य कराने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया था। इसके निर्माण पर कुल 45 करोड़ की लागत आनी थी, जिसका प्रस्ताव पिछले माह भेजा गया था, लेकिन अफसरों की मनमानी के चलते अभी तक वह लंबित है। बाढ़ पूर्व आवश्यक कार्यो को पूरा कराने के लिए 14 कार्यो का टेंडर निकाला जा चुका है, लेकिन अभी उस पर भी बजट का आवंटन नहीं हो सका है। बाढ़ से निपटने के लिए आपदा के मद में भी 81.09 लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा जा चुका है, लेकिन अभी तक किसी भी प्रस्ताव पर फूटी कौड़ी नहीं मिल सकी है।

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15 जून से पहले पूरे हो जाएंगे जरूरी कार्य : रूपेश खरे

बाढ़ खंड दो के अधिशासी अभियंता रूपेश खरे का कहना है कि संवदेनशील बांध के रेन कट भरे जा चुके हैं। बोक्टा-बरवार बाध पर स्थित मोक्ष धाम के समीप तीन डैंपनर क्षतिग्रस्त हो गए थे जिनकी पुनस्र्थापना का कार्य चल रहा है। इसे 15 जून से पहले पूरा करा लिया जाएगा। रेगुलेटर के मरम्मत के कार्य भी कराए जा रहे हैं।


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