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भेदी नहीं टोही कार्यकर्ता हैैं...यहां पढ़ें, गोरखपुर की राजनीत‍ि के अंदरखाने की खबरें

चुनावी माहौल में रैली और जनसभाओं की संख्या बढ़ रही है। छोटे-बड़े सभी दलों की सभाएं हो रही हैैं। किसने कितनी भीड़ जुटाई ये तो सामने दिख रहा..दैन‍िक जागरण गोरखपुर के साप्‍ताह‍िक कालम शहरनामा में यहां पढ़ें गोरखपुर की राजनीत‍ि के अंदरखाने की हर खबर..

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 09:58 AM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 03:07 PM (IST)
भेदी नहीं टोही कार्यकर्ता हैैं...यहां पढ़ें, गोरखपुर की राजनीत‍ि के अंदरखाने की खबरें
गोरखपुर के रामगढ़ ताल का जेट्टी। - फाइल फोटो

गोरखपुर, बृजेश दुबे। चुनावी माहौल में रैली और जनसभाओं की संख्या बढ़ रही है। छोटे-बड़े सभी दलों की सभाएं हो रही हैैं। किसने कितनी भीड़ जुटाई, ये तो सामने दिख रहा, लेकिन कौन कैसे आया, कैसे लाया गया, कौन कैसे पहुंचा, सभी पार्टियां इसकी टोह लेने में जुट गई हैैं। सभी की रैली और सभाओं में सभी दलों के लोग दिख रहे हैैं। किसी का चेहरा नया है तो किसी का मास्क के पीछे छिपा है। कांग्रेस की रैली में सपा के साथ भाजपा के कार्यकर्ता दिखे तो शिवपाल की रैली में भाजपा, सपा और कांग्रेस तीनों के। अखिलेश की रथयात्रा में दूसरे दल के नेताजी साथ चलते दिखे। जानने वाले ने चुटकी काटी कि साइकिल पर सवारी का इरादा है क्या। नेताजी बोले- नहीं भाई। हमें तो टास्क मिला है कि भीड़ कहां की है, कैसी है। तीर चला-अच्‍छा तो भेदी हैैं। नेताजी भी कम नहीं थे। बोले- भेदी नहीं, टोही हैैं।

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सबके अपने-अपने राम

जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, सबके इष्ट भी बदल रहे हैैं और मित्र भी। कुछ दिन पहले शहर में हुई एक रैली में हर-हर महादेव, गुरु मत्स्येंद्रनाथ व गुरु गोरक्षनाथ की जय-जयकार हुई। आशा नहीं थी इसलिए आश्चर्य हुआ। इसी बीच हिंदू और हिंदुत्‍व के मुद्दे पर दिल्ली में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया। चुनावी रण है, इसलिए एक दूसरे की ओर तीर पर तीर छोड़े जा रहे हैैं। अब तो साइकिल भी सड़क पर रथ की शक्ल में दौडऩे लगी है। तारामंडल में हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ एयरपोर्ट जाने वाले तैयार खड़े दिखे तो वहां स्वागत में शंखनाद करने वाले भी। यहां ऐसा पहली बार हुआ। शंखनाद के बीच भइयाजी भी गदा लहराते दिखे। उन्हें गदा सौंपी भी गई। टोही कार्यकर्ता ने तीर मारा-का हो, शंख बाजे लागल, गदा चले लागल। खांटी साइकिल सवार ने पलटवार किया। राम खाली तोहरे नहीं हवं। हमहूं पूजेलीं।

खेवइया के हाथों नाव में छेद

बिहार की राजनीति में पतवार चलाने वाले नेताजी यूपी के समंदर में अपनी नाव की पाल चढ़ाने में लगे हैैं तो गोरखपुर के खेवइया सत्ता की बयार के साथ अपने बेड़े को जीत के किनारे तक पहुंचाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैैं। अपनी मांग पूरी कराकर लौटने के बाद गोरखपुर के खेवइया ने सभा कर डाली और लाखों के नोटों की माला भी पहन ली। कुछ दिनों पहले शोर-शराबे के साथ बिहार से पूर्वांचल आए नेताजी अपनी नजर जमाए हुए थे। उन्होंने भी एक रैली का आयोजन कर डाला और विरोधी खेमे में सेंध लगा ली। गोरखपुर वाले खेवइया के नाम से बने एक फैंस क्लब का फेसबुक पोस्ट इसकी गवाही दे रहा और चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, एक पुराने फैन ने फैंस क्लब की आइडी पर बिहार वाले नेताजी का गोरखपुर में स्वागत करने वाला पोस्टर डाल दिया है। तबसे गोरखपुर खेमे में खलबली है।

चांद चमक नहीं पा रहा

नगर विकास का मामला आजकल टाइट चल रहा। साहब आए तो बड़ी तेजी से चले। सुबह से लेकर शाम, शाम से लेकर रात तक लगातार काम कर रिकार्ड बना डाला। हालांकि काम करना उनकी पुरानी आदत है, लेकिन काम करते हुए दिखना उनका शौक है और खूब भाता है। आए तो खूब ढेर सारी योजनाएं बना डालीं। योजनाओं का पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी दिखा दिया। कलेवर बदलते गोरखपुर के लिए ये योजनाएं भी नई थीं और उनके धरातल पर उतरने से शहर की खूबसूरती में चार चांद लग जाते। लेकिन, चांद चमक नहीं पा रहा है। साहब जितनी योजनाएं बना रहे हैैं, जो पैसा चाह रहे हैैं, उनके विभाग को नहीं मिल पा रहा है। साहब के विभाग के खाते में आना वाला पैसा साथी के विभाग के खाते में जा रहा है। साहब कुछ भी खर्च नहीं कर पा रहे हैैं। योजनाएं लैपटाप से बाहर नहीं आ पा रहीं।


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