मोस्ट वांटेड को पकड़ने के लिए तंत्रमंत्र..पढ़ें- पुलिस विभाग के अंदरखाने की हर खबर
में तैनात साहब के किस्से बहुत अजब-गजब है। मातहतों से जब मिलते हैं तो बहादुरी के किस्से सुनाते नहीं थकते... यहां पढ़ें गोरखपुर के पुलिस विभाग के अंदरखाने की हर खबर। अपने साप्ताहिक कालम बतकही में पुलिस विभाग पर नजर डाल रहे हैं दैनिक जागरण के रिपोर्टर सतीश कुमार पांडेय।
गोरखपुर, सतीश कुमार पांडेय। जिले की एक सर्किल में तैनात साहब के किस्से बहुत अजब-गजब है। मातहतों से जब मिलते हैं तो बहादुरी के किस्से सुनाते नहीं थकते। उन्हें बताते हैं कि इस जिले में रहा तो यह कर दिया, बदमाश नाम सुनकर भागत खड़े होते थे।गांव के चौराहे से गुजरते थे तो रास्ता खाली हो जाता।मातहत भी अपने परिचितों को साहब की बहादुरी के किस्से सुनाते रहे। जिले में एक दिन बड़ी वारदात हो गई।साहब भी मौके पर पहुंच गए। मीडियाकर्मियों ने फोटो खींचना चाहा तो साहब ने अपना मुंह छिपा लिया। वजह पूछने पर बताते लगे कि बदमाशों से मेरी अदावत चलती है। अगर अखबार में फोटो छप गई तो उन्हें मालूम हो जाएगा कि मैं यहां तैनात हूं। फिर मेरे लिए खतरा बढ़ जाएगा। बहादुर के किस्से सुनाने वाले अधिकारी की यह बात सुनकर लोग अवाक रह गए। भीड़ में खड़े लोग बोल पड़े अरे यह साहब तो बहुत डरपोक हैं। इतना ही डर था तो वर्दी क्यों पहनी।
मोस्ट वांटेड को पकड़ने के लिए तंत्रमंत्र
दारोगा व उसके परिवार के चार लोगों की हत्या करने वाले जिले के मोस्ट वांटेड बदमाश को पकड़ने के लिए पूरे प्रदेश की पुलिस पांच साल से यूपी, बिहार व पश्चिम बंगाल में घूम रही है। लोकेशन का पता लगाने के लिए सभी आधुनिक संसाधन का उपयोग कर रही है लेकिन सफलता नहीं मिली। हर माह शासन से पूछताछ होती है, जिम्मेदार रटा-रटाया जवाब देते हैं प्रयास जारी है। भौतिक तरीके से चल रहा प्रयास फेल होने के बाद इलाके के दारोगा ने मोस्ट वांटेड को पकड़ने के लिए अपने स्तर से प्रयास शुरू किया है। जिसके लिए उसने तंत्रमंत्र का सहारा लिया है। क्षेत्र में विख्यात तांत्रिक जैसा उपाय करने को कहते हैं दारोगा वह उपाय पूरी सिद्दत से करते हैं लेकिन अभी तक कोई सार्धक परिणाम नहीं आया। तांत्रिक का दावा है कि उसके बताए उपाय करने से किसी न किसी दिन मोस्ट वांटेड जरूर पकड़ा जाएगा।कोई चारा न होने पर बेचारा बने दारोगा मजबूरी में तांत्रिक की हर बात मान रहे हैं।
हटे खास, कैसे होगी चुनावी वैतरणी पार
चुनावी तैयारी में जुटे नेता गांव-गांव में अपना समीकरण तैयार करने में लगे हैं। रोजाना गांव का दौरा कर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करने करने के साथ ही भरोसा दे रहे हैं कि इलाके का विकास व सुरक्षा देने में वहीं सक्षम हैं। कार्यक्रम में अपने खास इलाकेदार को बुलाकर इसका एहसास भी कराते थे।लेकिन नए कप्तान ने पूरा समीकरण बिगाड़ दिया। नेताओं के जितने भी खास थे सबको चिन्हित कर हटा दिया गया। नई जगह तैनाती मिली तो निर्णय लेने का अधिकार खत्म कर दिया गया। चुनाव से कुछ माह पहले करीबियों पर गाज गिरने से कई नेता परेशान हैं। अब उन्हें यह चिंता सता रही है कि चुनावी वैतरणी किसके सहारे पार करेंगे। आचार संहिता लागू होने से पहले ही उनके हाथ बंध गए हैं। वीआइपी कार्यक्रम में जब भी किसी अधिकारी से मुलाकात होती है उन्हें अपनी इस समस्या से अवगत कराते हुए समाधान कराने का आग्रह करते हैं। लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस बनी है।
थाने में दीवान ने बनाई कुटी
उत्तरी क्षेत्र के एक थाने में तैनात दीवान साधु बन गए।परिसर में ही उन्होंने अपनी एक कुटी बनवा ली।जहां दिन भर साधना में लीन करने के साथ ही तंत्रमंत्र करते थे। थानेदार की रिपोर्ट पर उन्हें यातायात विभाग में भेज दिया गया।तबादला होने के बाद भी दीवान ने कुटी नहीं हटाई।सुबह पूजा-पाठ करने के बाद ड्यूटी करने शहर आते हैं। शाम को पहुंचने के बाद वर्दी उतारकर गेरुआ धारण कर लेते हैं। समस्या लेकर अगर काेई आता है झाड़-फूंक करते हैं। थाना परिसर में स्थित दीवान की कुटी पर रोजाना सुबह और शाम को तंत्रमंत्र कराने आने वालों की भीड़ लगी रहती है। एक थानेदार ने हटाने का प्रयास किया लेकिन किसी ने बता दिया कि ऐसा न करें।अगर दीवान ने तंत्रमंत्र कर दिया तो परेशान हो जाएंगे। एक साहब ने कोशिश की ताे इलाके में अशांति फैल गई।दूसरे एक माह में ही हटा दिए गए।यह सुनने के बाद अब कोई भी कुटी की तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं जुटाता है।