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Union Budget 2020 : बढ़ेगी मांग, खुलेंगे रोजगार के द्वार, मजबूत होगी भारतीय अर्थव्यवस्था Gorakhpur News

दैनिक जागरण कार्यालय में बजट के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। शहर के प्रतिष्ठित उद्यमी व्यापारी एवं अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों ने खुलकर अपनी बात रखी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 02:23 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 09:51 AM (IST)
Union Budget 2020 : बढ़ेगी मांग, खुलेंगे रोजगार के द्वार, मजबूत होगी भारतीय अर्थव्यवस्था Gorakhpur News
Union Budget 2020 : बढ़ेगी मांग, खुलेंगे रोजगार के द्वार, मजबूत होगी भारतीय अर्थव्यवस्था Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में बजट पेश करने के बाद लोग इसके नफा-नुकसान का आकलन करने में जुटे हैं। दैनिक जागरण कार्यालय में बजट के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। शहर के प्रतिष्ठित उद्यमी, व्यापारी एवं अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों ने खुलकर अपनी बात रखी। परिचर्चा में एक बात निकलकर आई कि देश के विकास के लिए उपभोग बढऩा सबसे जरूरी है। बजट को देखकर कहा जा सकता है कि इससे मांग बढ़ेगी और रोजगार के द्वार भी खुलेंगे। यह बजट इन बिंदुओं को समाहित करता दिखा।

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बड़ी राहत की थी उम्‍मीद

परिचर्चा शुरू करते हुए चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु प्रसाद अजीत सरिया ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए कुछ खास नहीं दिखा है। बड़ी राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टेक्सटाइल सेक्टर के लिए 1400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। आयकर स्लैब बढ़ाया जरूर गया है, लेकिन इसमें मिलने वाली छूट को समाप्त कर दिया गया। चैंबर के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने उनकी बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को निराशा मिली है। टैक्स स्लैब में अपेक्षानुरूप बदलाव न होने से लोगों की खर्च करने की क्षमता प्रभावित होगी।

आयकर स्लैब में बदलाव को सकारात्मक कदम

चर्चा के दौरान सीए जुगनू दुबे ने आयकर स्लैब के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आयकर में विभिन्न निवेशों के जरिये मिलने वाली छूट समाप्त करने की बात बताई। ऐश्प्रा जेम्स एंड ज्वेल्स के निदेशक अतुल सर्राफ ने आयकर स्लैब में बदलाव को सकारात्मक कदम माना। कहा कि सरकार की ओर से अब लोगों को विकल्प दिया गया है। नए लोगों को इससे फायदा होगा। नया स्लैब लेते हैं तो बाजार में पैसे का प्रवाह बढ़ेगा। विवाद से विश्वास की ओर कदम बढ़ाया गया है। गोरखपुर विवि के वाणिज्य संकाय के पूर्व अधिष्ठाता एवं अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.अशोक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बजट को बड़े दायरे में देखा जाना चाहिए। लांग टर्म में यह अर्थव्यवस्था को काफी मजबूत करेगा। एक बजट सभी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। इस बजट में सभी बातों का ध्यान रखा गया है। रोजगार व मांग बढ़ाने की चिंता की गई है। आधारभूत संरचना का विकास होगा तो उससे जुड़े कई तरह के रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

मांग बढ़ने से ही होगा विकास

आयकर स्लैब में छूट भी अच्‍छी है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह बजट थोड़ा नकारात्मक हो सकता है, पर इसमें मांग बढ़ाने पर फोकस किया गया है। जब तक मांग नहीं बढ़ेगी विकास नहीं होगा। 60 फीसद विकास उपभोग से होता है। आज इंडस्ट्री में जैसा लेबर चाहिए, नहीं मिल रहा है। इस मिसमैच को समाप्त करने के लिए ही स्किल डेवलपमेंट के लिए तीन हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कृषि को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ है। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के महामंत्री प्रवीण मोदी ने भी एमएसएमई को बढ़ावा न देने की बात कही। इसके जवाब में प्रो.अशोक ने कहा कि बजट में वेल्थ क्रिएटर यानी उद्यमियों का मनोबल बढ़ाने की बात कही गई है। गोरखपुर विवि के अर्थशास्त्र विभाग के प्रो.आलोक कुमार गोयल ने कहा कि जिसकी जरूरत थी, वह बजट में नहीं दिख रहा है। व्यय योग्य आय बढ़ानी चाहिए थी। एमएसएमई से लोगों को रोजगार मिलता है, उसकी कोई चर्चा नहीं की गई।

कुछ निराशा भी

कृषि प्रसंस्करण पर भी बात नहीं हुई। विनिवेश के रूप में दो लाख करोड़ से अधिक धन जुटाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन पिछले उदाहरणों को देखते हुए यह मुश्किल लग रहा है। प्रो.अशोक ने इस आशंका का समाधान भी प्रस्तुत किया। कहा कि इस बार विनिवेश का लक्ष्य जरूर पूरा होगा। एयर इंडिया से ही काफी सहयोग मिलने की उम्मीद है। हमें सकारात्मक रहना होगा। चैंबर आफ ट्रेडर्स के अध्यक्ष अनूप किशोर अग्रवाल, महामंत्री कमलेश अग्रवाल, थोक वस्त्र व्यवसायी राजेश नेभानी, वस्त्र व्यवसायी हाजी जहूरुल्लाह, दवा विक्रेता समिति के अध्यक्ष योगेंद्र दुबे ने भी बजट को बेहतर बताया। करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा के अंत में सभी ने माना कि बजट आने वाले समय में बेहतर परिणाम लाएगा।

औद्योगिक विकास के लिए कुछ खास नहीं है। आयकर स्लैब में बदलाव से शॉर्ट टर्म में बाजार में पैसा आएगा। इससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी, पर लांग टर्म में बचत की आदत समाप्त होगी। - विष्णु प्रसाद अजीत सरिया, अध्यक्ष, चैंबर आफ इंडस्ट्रीज

अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। लांग टर्म में मांग बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी। आधारभूत संरचना के विकास से रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। विनिवेश भी बढऩे की संभावना है। - प्रो.अशोक श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग गोरखपुर विवि

बजट में विवाद से विश्वास की ओर कदम बढ़ाया गया है। आसान तरीके से कर का भुगतान कर सकेंगे। सरकार के पास राजस्व आएगा। किसानों को भी छूट दी गई है। पर्यटन को बढ़ाने पर भी फोकस है। शिक्षा व स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी ध्यान दिया गया है। - अतुल सर्राफ, निदेशक, ऐश्प्रा जेम्स एंड ज्वेल्स

आयकर स्लैब में जिस छूट की उम्मीद थी, वह नहीं मिली। स्लैब में बदलाव के साथ निवेश में मिलने वाली छूट को भी जारी रखना चाहिए था। उद्योगों के लिए 37 हजार करोड़ का प्रावधान काफी कम है। इसका विकास करना होगा, क्योंकि इसी में स्थाई रोजगार है। - एसके अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, चैंबर आफ इंडस्ट्रीज

अर्थव्यवस्था के लिए एग्रीगेटेड डिमांड बढ़ाने की जरूरत थी, उसपर ध्यान नहीं दिया गया। रोजगार पैदा करने के लिए भी कोई चर्चा नहीं की गई है। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए ध्यान नहीं दिया गया। व्यय योग्य आय बढ़ाने पर जोर होना चाहिए था। - प्रो. आलोक गोयल, अर्थशास्त्र विभाग, गोरखपुर विवि

एमएसएमई रोजगार देता है, लेकिन इसे बढ़ावा देने के लिए कुछ खास नहीं कहा गया है। यह उपेक्षा का शिकार है। इसपर ध्यान देने की जरूरत है। लांग टर्म में बजट से फायदा हो सकता है। - प्रवीण मोदी, महासचिव, चैंबर आफ ट्रेडर्स

बजट कई मायनों में काफी बेहतर है। शिक्षा, स्वास्थ्य व स्किल डेवलपमेंट पर काफी ध्यान दिया गया है। पर्यटन को बढ़ावा देने का भी जिक्र है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्रदूषण से निपटने के लिए भी बजट में चर्चा की गई है। - अनूप किशोर अग्रवाल, अध्यक्ष, चैंबर आफ ट्रेडर्स

टैक्स स्लैब में परिवर्तन किया गया है, लेकिन छूट का लाभ नहीं मिलेगा। लोगों के पास दो तरह के विकल्प होंगे। नए करदाता बढ़ेेंगे। उम्मीद है कि कर देने वालों की संख्या पांच साल में दोगुनी हो जाएगी। - जुगनू दुबे, सीए

इस बजट में सरकार और बेहतर कर सकती थी, लेकिन यह बजट भी काफी अच्‍छा है। हर वर्ग का इसमें ख्याल रखा गया है। उम्मीद है कि आने वाले समय में लोगों की क्रय क्षमता में इजाफा होगा। - कमलेश अग्रवाल, महामंत्री, चैंबर आफ टे्रडर्स।

इस बार का आम बजट स्वागतयोग्य है, इसमें रोजगार के अवसर पैदा होंगे। कपड़ा उद्योग के लिए भी ध्यान दिया गया है, जिससे वस्त्र व्यवसायी काफी राहत महसूस करेंगे। - राजेश नेभानी, अध्यक्ष, थोक वस्त्र वेलफेयर सोसाइटी।

बजट का हम स्वागत करते हैं। इसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। किसानों के विकास पर अधिक ध्यान है। रक्षा बजट में भी इस साल इजाफा किया गया है। उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। - हाजी जहूरूल्लाह, वस्त्र व्यवसायी।

बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, स्किल डेवलपमेंट सहित हर क्षेत्र पर ध्यान दिया गया है। आने वाले समय में अर्थव्यवस्था इससे काफी मजबूत होगी। स्किल्ड लोग होंगे तो रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। - योगेंद्र दुबे, अध्यक्ष, दवा विक्रेता समिति


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