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साइबर क्राइम: सरकारी योजनाओं के नाम पर सिमकार्ड जारी कर रहे जालसाज Gorakhpur News

अब साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों ने भी अपना ट्रेंड बदल दिया है। साइबर क्राइम के आरोपित अब गांव के लोगों को अपने क्राइम का हिस्सा बनाने लगे हैं। गांव में गैंग के सदस्य पहुंचकर लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर फ‍िंगर प्रिंट ले रहे हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 11:50 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 11:50 AM (IST)
साइबर क्राइम: सरकारी योजनाओं के नाम पर सिमकार्ड जारी कर रहे जालसाज Gorakhpur News
सरकारी योजनाओं के नाम पर की जा रही जालसाजी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : महराजगंज में बदलते जमाने में अब साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों ने भी अपना ट्रेंड बदल दिया है। साइबर क्राइम के आरोपित अब गांव के लोगों को अपने क्राइम का हिस्सा बनाने लगे हैं। गांव में गैंग के सदस्य पहुंचकर लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर उनका फ‍िंगर प्रिंट ले रहे हैं और फ‍िर उनके नाम पर मोबाइल सिम जनरेट कर उसे साइबर क्राइम में इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे हैं। ऐसे में पुलिस के कार्रवाई का शिकार वह ग्रामीण होता है जिसने सरकारी योजना के लाभ के लिए सिर्फ अपना अंगूठा लगाया था।

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स्‍थानीय स्‍तर पर पहले पहचान बनाते हैं गिरोह के सदस्‍य

लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए गिरोह के सदस्य पहले स्थानीय स्तर पर पहचान बनाते हैं। फिर किसी स्थानीय की मदद से गांव-गांव जाकर लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराने के लिए उनका आनलाइन फार्म भरने का कार्य करते हैं। इनके साथ विभिन्न कंपनियों के सिम जनरेट करने वाले छोटे रिटेलर भी शामिल होते हैं और इस तरह से बिना उपभोक्ता को जानकारी हुए उसके नाम से सिमकार्ड जनरेट हो जाता है। फिर उस सिम कार्ड को जालसाज आनलाइन ठगी में इस्तेमाल करते हैं।

दो मामलों में पकड़े गए 1144 फर्जी सिमकार्ड

जिले में अबतक इस प्रकार के दो मामलों की पुष्टि हो चुकी है। जिसमें न सिर्फ दोनों मामलों में 1144 सिमकार्ड बरामद हुए बल्कि उन सिमकार्ड व फर्जी डाक्यूमेंट के आधार पर कई वैलेट अकाउंट की भी जानकारी पुलिस के हाथ लगी थी। पहले मामले का पर्दाफाश निचलौल थाने की पुलिस ने 11 मई 2020 को पांच लोगों को गिरफ्तार कर किया था, जिसमें 979 सिमकार्ड के साथ-साथ फर्जी अकाउंट के डिटेल्स भी बरामद हुए थे। जांच में कुल 11 लोगों के गैंग की पुष्टि भी हुई थी। इसी क्रम में 12 जनवरी 2021 को पनियरा थाना व साइबर सेल की पुलिस ने पांच शातिरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इनके पास से भी 165 सिमकार्ड की बरामदगी हुई है।

आमजन को किया जा रहा है जागरूक

महराजगंज के पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्‍ता ने कहा कि आमजन को लगातार जागरूक किया जा रहा है, कि किसी भी योजना के चक्कर में कहीं पर भी बायामैट्रिक पहचान देने से बचें। गांव में ऐसे सदस्यों के आने की सूचना फौरन पुलिस को दें। ताकि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सके।


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