गोरखपुर विश्वविद्यालय में एमबीए व बीबीए की बची सीटों पर प्रवेश के लिए कट आफ जारी
DDU Gorakhpur University Admission Date फैकल्टी आफ मैनेजमेंट में एमबीए की बाकी बची सीटों के लिए प्रवेश की प्रक्रिया 23 सितंबर को होगी। एमए व एमएससी के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नया कट आफ भी जारी किया गया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के फैकल्टी आफ मैनेजमेंट में एमबीए की बाकी बची सीटों के लिए प्रवेश की प्रक्रिया 23 सितंबर को व्यवसाय प्रशासन विभाग में संपन्न होगी। इसके अलावा एमए व एमएससी के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नया कट आफ भी जारी किया गया है।
इतना अंक पाने वाले विद्यार्थियों का होगा प्रवेश
फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट की समन्वयक डा. स्वर्णिमा सिंह ने बताया कि एमबीए में प्रवेश के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के 94 अंक या उससे ज्यादा अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया गया है। बीबीए की बाकी बची सीट के लिए काउंसलिंग के जरिये सामान्य श्रेणी में 106 या उससे ज्यादा अंक, पिछड़ा वर्ग में 96 अंक या उससे ज्यादा पाने वाले अभ्यर्थियों का प्रवेश दिया जाएगा। एमबीए और बीबीए कोर्स में प्रवेश के लिए अनुसूचित जाति और जनजाति में सभी छात्र छात्राओं को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया है।
एमकाम में प्रवेश के लिए नया कटआफ
सभी संवर्ग- प्रथम प्रतीक्षा सूची - 134 अंक
ईडब्ल्यूएस - प्रथम प्रतीक्षा सूची - 124 अंक
विशेष संवर्ग - प्रतीक्षा सूची - जारी सूची के अनुसार
अनुसूचित जाति - द्वितीय प्रतीक्षा सूची - 98 अंक
अनुसूचित जनजाति प्रथम प्रतीक्षा सूची - सभी जो परीक्षा में सम्मिलित हुए हों
अन्य पिछड़ा वर्ग - प्रथम प्रतीक्षा सूची 126 अंक
एमएससी इंडस्ट्रियल केमेस्ट्री में चार सीटें शेष
एमएससी इंडस्ट्रियल केमेस्ट्री पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए केवल चार सीटें बची हैं, जिसके सापेक्ष प्रवेश मेरिट के अनुसार रसायन विज्ञान में लिया जाएगा। एमएससी केमिस्ट्री व एमएससी इंडस्ट्रियल-केमिस्ट्री में प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित समस्त संवर्ग के समस्त अभ्यर्थी को बुलाया गया है।
विश्वविद्यालय में अब 13 संकाय
विश्वविद्यालय ने अपनी संकाय (फैकेल्टी) व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। नई शिक्षा नीति के अनुपालन और शासन के निर्देश पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने संकायों की संख्या पहले के मुकाबले करीब दोगुनी कर दी है। पहले विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रम में सात संकायाें में समाहित थे, अब उनकी संख्या बढ़ाकर 13 कर दी गई है। कुछ संकायों के नाम भी बदल दिए गए हैं। बदलाव के इस प्रस्ताव को विश्वविद्यालय के विद्या परिषद की स्वीकृति भी मिल चुकी है। बहुत जल्द इसे कार्य परिषद से भी स्वीकृत कराने की तैयारी है।