प्रदेश के रेलवे स्टेशनों पर प्लास्टिक का कचरा हटाओ, इनाम पाओ
रेलवे स्टेशनों पर कचरा निस्तारण में सहयोग करने वाले यात्री अब इनाम के भी हकदार होंगे। बात कुछ अटपटी लग रही लेकिन है सोलह आने सच।
गोरखपुर [प्रेम नारायण द्विवेदी]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान में भारतीय रेलवे कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। सफाई के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए रेलवे अब नकद ईनाम भी देगा।
रेलवे स्टेशनों पर कचरा निस्तारण में सहयोग करने वाले यात्री अब इनाम के भी हकदार होंगे। बात कुछ अटपटी लग रही लेकिन है सोलह आने सच। रेलवे स्टेशनों पर लगाई जाने वाली 'बाटल क्रशिंग मशीन' में पानी की बोतलों का निस्तारण करने वाले यात्रियों को एक से दस रुपये का इनाम भी मिलेगा। यह प्रोत्साहन राशि मशीन ही प्रदान करेगी। इस मशीन में बोतल डालते ही एक से दस रुपये का सिक्का बाहर निकल आएगा।
भारतीय रेलवे की इस नई व्यवस्था से प्लास्टिक के कचरों का निस्तारण तो होगा ही आम यात्री भी स्वच्छता के प्रति जागरूक होंगे। यही नहीं, अवैध वेंडिंग पर भी रोक लगेगी। स्टेशन पर फेंके गए पानी की बोतलों का दोबारा उपयोग नहीं हो सकेगा। फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने प्रथम चरण में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर व लखनऊ जंक्शन पर बाटल क्रशिंग मशीन लगाने की योजना तैयार कर ली है। दोनों स्टेशनों के लिए 12 मशीन मंगाई गई हैं। जुलाई में यह मशीनें लग जाएंगी। आने वाले दिनों में अन्य सभी प्रमुख स्टेशनों पर भी यह मशीनें लगाई जाएंगी।
नहीं ठगे जाएंगे यात्री
यात्री पानी पीने के बाद बोतलों को बोगियों में छोड़ देते हैं या प्लेटफार्मों पर ही फेंक देते हैं। अवैध वेंडर इन बोतलों में फिर से पानी भरकर यात्रियों को बेचते हैं। गोरखपुर के प्लेटफार्म नंबर 5 से 8 तक यह धंधा जोरों पर चलता है। दिल्ली और पंजाब जाने वाले बिहार के यात्री ठगे जाते हैं। अन्य स्टेशनों की भी यही स्थिति है। इसके अलावा कचरा उठाने वाले इन बोतलों के लिए अक्सर रेल लाइनों पर दौड़ते रहते हैं। गंदगी तो फैलती ही है, स्टेशन पर संदिग्ध लोगों के प्रवेश की भी आशंका बनी रहती है। यही नहीं, प्लास्टिक की बोतलों से नालियां भी चोक होती रहती हैं। इससे वर्षा के समय हर पल जलजमाव की आशंका बनी रहती है।
यात्रियों को प्रोत्साहित करने के लिए योजना
सीपीआरओ, पूर्वोत्तर रेलवे संजय यादव ने बताया कि रेलवे स्टेशनों को प्लास्टिक कचरों से मुक्त करने के लिए बाटल क्रशिंग मशीने लगाई जाएंगी। फिलहाल, गोरखपुर और लखनऊ में यह मशीनें लगाई जानी हैं। आने वाले दिनों में सभी प्रमुख स्टेशनों पर लगाई जाएंगी। यात्रियों को कचरा निस्तारण के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए इनाम की भी व्यवस्था की गई है।
दफ्तरों में भी पॉलीथीन पर प्रतिबंध
गोरखपुर में सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालयों में अब पालीथिन का इस्तेमाल पूर्णतया प्रतिबंधित हो गया है। इसका इस्तेमाल होने पर विभागाध्यक्ष जिम्मेदार होंगे। शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी ने सभी कार्यालयों के अधिकारियों को प्रतिबंध का सख्ती से पालन कराने को कहा है। सरकारी कार्यालयों के परिसर में घूमने वाले ठेले, गुमटी व कैंटीन संचालकों को भी पालीथिन का इस्तेमाल करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। शहर-देहात के प्रमुख बाजार और दुकानों पर मिलने वाली पालीथिन पर रोक भले न लग पाई हो, मगर सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालयों पर शासन ने इसे पूर्णतया प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कल विभागों के अधिकारियों को शासनादेश से अवगत कराते हुए इस पर तत्काल अमल शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा है कि निगरानी के लिए तहसीलों में एसडीएम, तहसीलदार के अलावा बाकी विभागों में उनके कार्यालय अध्यक्ष की जिम्मेदारी तय की गई है। उन्होंने बताया कि पालीथिन के इस्तेमाल की हकीकत जानने के लिए औचक निरीक्षण भी कराया जाएगा। जिस भी कार्यालय में पालीथिन का इस्तेमाल पाया जाएगा संबंधित जिम्मेदार अधिकारी से इसके बारे में पूछताछ की जाएगी। कलेक्ट्रेट, विकास भवन, आरटीओ जैसे विभागों में जहां रोजाना बड़ी संख्या में लोगों की पहुंच होती है, वहां इसको और सख्ती से अमल में लाने को कहा गया है। यहां के कैंटीन संचालकों को भी इस पर अमल कराने को कहा गया है।