Move to Jagran APP

शिल्प मेले मे बढ़ी ग्राहकों की भीड़

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्र्वविद्यालय मे गोरखपुर महोत्सव के अंतर्गत आयोजित शिल्प मेले मे मंगलवार को ग्राहको की काफी भीड़ रही।

By Edited By: Published: Wed, 17 Jan 2018 01:15 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jan 2018 05:14 PM (IST)
शिल्प मेले मे बढ़ी ग्राहकों की भीड़
शिल्प मेले मे बढ़ी ग्राहकों की भीड़

गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्र्वविद्यालय मे गोरखपुर महोत्सव के अंतर्गत आयोजित शिल्प मेले मे मंगलवार को ग्राहको की काफी भीड़ रही। मेले के अंतिम दिनो मे लोगो को सामान कुछ सस्ते दाम पर मिल रहे है, जिससे बिक्री भी बढ़ी है। शिल्प मेले के सामने लगा ट्रेड फेयर भी लोगो को खूब आकर्षित कर रहा है।

loksabha election banner

एक सप्ताह तक आयोजित शिल्प मेले मे आठ प्रदेशो से आए दुकानदारो ने अपनी दुकाने लगाई है। इन दुकानो पर हाथ की बनी बेहतरीन चीजे उपलब्ध है। मंगलवार को भी ठंड से निजात नही मिली, लेकिन इससे लोगो का उत्साह कम नही हुआ। दोपहर से ही मेले मे लोगो का आना शुरू हो गया। शाम चार बजे के बाद बड़ी संख्या मे लोग स्टालो पर जमा रहे। कालीन, सोफे, बेहतरीन साडि़यां व गर्म कपड़ो की ओर लोग खूब आकर्षित हुए। अंतिम समय मे दुकानदार रेट मे राहत दे रहे है। लगभग हर स्टाल पर दुकानदार मेले का आखिरी दिन बताकर मोलभाव कर रहे है। ट्रेड फेयर मे लगे स्टालो पर भी बड़ी संख्या मे लोग दिखे।

----------------------

पुस्तक मेले मे स्टालो पर दिखी भीड़

पुस्तक मेले मे भी मंगलवार को पुस्तको के कद्रदान पहुंचे और खरीदारी भी की। परिषदीय विद्यालयो के कई शिक्षक मेले मे आए और स्वयं तथा बच्चो की उपयोगिता की कई पुस्तको की खरीदारी की। शिक्षक नेता पंकज पांडेय ने बताया कि उन्होने मेले से पांच पुस्तके खरीदी है। स्वतंत्र लेखक भानु प्रताप सिंह ने बताया कि पुस्तक मेला काफी उपयोगी है। युवाओ को यहां आना चाहिए। पुस्तक मेले मे आए शिक्षक रिवेश प्रताप सिंह ने बताया कि दो दिनो मे एक दर्जन किताबे खरीद चुका हूं। यहां बड़े साहित्यकारो के साथ युवा लेखको की किताबे भी उपलब्ध है। प्रेमचंद, काशीनाथ सिंह, भगवती शरण वर्मा, मोहन राकेश आदि लेखको की किताबो ने काफी आकर्षित किया।

---------------

बड़े शहरो मे खूब मिलते है गोरखपुर की टेराकोटा के कद्रदान

शिल्प मेले मे दो दुकाने टेराकोटा की भी है। आमने-सामने लगी दोनों दुकानो पर अब कम सामान ही बचे है। अपनी विशेषता के कारण पूरे देश मे मशहूर गोरखपुर के औरंगाबाद के टेराकोटा की मांग दिल्ली व मुंबई जैसे बड़े शहरो मे खूब है। वहां जब भी शिल्प मेला लगता है औरंगाबाद के कलाकारो के पास निमंत्रण जरूर आता है। गोरखपुर शिल्प मेले मे स्टाल लगाने वाले औरंगाबाद के अरविंद कुमार कहते है कि उनके भाई एक ट्रक सामान लेकर मुंबई गए है। उन्होने कहा कि हमारे टेराकोटा की विशेषता है कि इस पर रंग नही लगाया जाता। मिट्टी से ही काफी आकर्षक झूमर, कछुए व हाथी, घोड़े बनाए गए थे। अरविंद के सामने स्टाल लगाने वाले भरवलिया के जय गौतम ने बताया कि 18 साल से इस काम मे है। हैदराबाद, बंगलूरु, पुणे व मुंबई जैसे शहरो मे आयोजित मेले मे स्टाल लगा चुके है। बाहर के शहरो मे ग्राहको का काफी रिस्पांस मिलता है। गोरखपुर मे बिक्री अपेक्षाकृत कम होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.