Coronavirus Lockdown: लॉकडाउन में नहीं ला पाया बेटे का शव, पुतला बनाकर किया अंतिम संस्कार Gorakhpur News
Coronavirus Lockdown परिजन लॉकडाउन के चलते शव को घर नहीं मंगवा सके। झंगहा क्षेत्र के गौरी घाट पर पिता ने बेटे का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के एक युवक की रविवार को पुणे में मौत हो गई। वह पेंट-पॉलिश का कार्य करता था। मौत की खबर मिलते ही परिवार में मातम पसर गया। परिजन लॉकडाउन के चलते शव को घर नहीं मंगवा सके। झंगहा क्षेत्र के गौरी घाट पर पिता ने बेटे का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया।
बुखार से हुई मौत
झंगहा क्षेत्र के अमहिया गांव निवासी मुनीब का पुत्र रण विजय उर्फ गुड्डू (32) कुछ दिनों पूर्व अपने एक रिश्तेदार के साथ पुणे में कमाने गए थे। मृतक के पिता मुनीब ने बताया कि बेटे को कई दिनों से बुखार आ रहा था। पुणे में ही रह रहे उसके मामा ने एक अस्पताल में भर्ती कराया था। रविवार की रात फोन पर सूचना मिली कि बुखार के चलते उसकी मौत हो गई है। लॉकडाउन की बात बताकर मुनीब ने वहीं उसका अंतिम संस्कार करने के लिए कह दिया।
नहीं मिली एंबुलेंस, ठेले से अस्पताल पहुंचा मरीज
लॉकडाउन के बीच तबीयत खराब होने पर लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। गोरखपुर के पाली ब्लाक हडही-कोडरी निवासी 65 वर्षीय दीपचंद विश्वकर्मा की तबीयत बिगडऩे पर परिजनों ने 108 नंबर पर फोन किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। आनन-फानन बीमार को ठेले से ठर्रापार सीएचसी पहुंचाया गया। दीपचंद का बड़ा बेटा दूसरे प्रदेश में मजदूरी करता था और लॉकडाउन के बीच एक मई को घर आया तो उसे विद्यालय में क्वारंटाइन करा दिया गया।
रविवार को दीपचंद की तबीयत अचानक खराब हो गई। फोन करने पर एंबुलेंस नहीं पहुंची और अस्पताल ले जाने के लिए कोई अन्य साधन की भी व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। ऐसे में परिवार के लोग गांव के ही एक ठेला चालक के पास पहुंचे और अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई। इसके बाद ठेला चालक मरीज व उसकी पत्नी शुभावती को लेकर सीएचसी पहुंचा। ठर्रापार सीएचसी अधीक्षक डॉ. सीपी मिश्र ने बताया कि दीपचंद का इलाज किया गया। साथ ही अस्पताल में रहने की सलाह दी गई, लेकिन वह घर चला गया। एंबुलेंस सीएचसी के अधीन नहीं होने से कोई व्यवस्था नहीं हो सकी।