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गोरखपुर में डरे-सहमे शिल्पकार ऑर्डर के बाद भी नहीं बना रहे प्रतिमा, पुलिस ने रुकवा दिया काम

शिल्‍पकारों के अनुसार पुलिस ने इस साल प्रतिमा न बनाने को कहा। उन्‍होंने सबका नाम-पता नोट किया। न मानने पर जेल भेजने की बात कही गई।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 09:30 AM (IST)
गोरखपुर में डरे-सहमे शिल्पकार ऑर्डर के बाद भी नहीं बना रहे प्रतिमा, पुलिस ने रुकवा दिया काम
गोरखपुर में डरे-सहमे शिल्पकार ऑर्डर के बाद भी नहीं बना रहे प्रतिमा, पुलिस ने रुकवा दिया काम

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में इस बार गणेश चतुर्थी के पर्व पर सार्वजनिक आयोजन नहीं हुआ। लोगों ने छोटी प्रतिमाएं बनवाईं और घर में स्थापित कर पूजा की। इसी तर्ज पर दुर्गा पूजा मनाने की तैयारी भी शुरू हो गई थी। शिल्पकार तीन फीट तक की दुर्गा प्रतिमा बनाने भी लगे थे लेकिन बिना किसी आदेश के उनके घर पहुंची पुलिस ने प्रतिमा निर्माण का काम रुकवा दिया। करीब एक सप्ताह पहले बक्शीपुर पुलिस चौकी पर सभी परिवारों को बुलाकर मूर्ति बनाने पर चालान करने व जेल भेजने की धमकी दी गई। इससे डरे-सहमे शिल्पकारों ने प्रतिमा बनाने का काम छोड़ दिया है। हालांकि प्रशासन व पुलिस के अधिकारी किसी रोक से इनकार कर रहे हैं।

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पुलिस के भय से एक सप्‍ताह से बंद है प्रतिमा बनाने का काम

प्रदेश सरकार की ओर से लगातार माटी कला को प्रात्साहित करने की मुहिम चलाई जा रही है लेकिन धरातल पर इन कलाकारों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। बक्शीपुर कुम्हार टोले में करीब 200 परिवार मिट्टी के बर्तन बनाने के काम में जुटे हैं। इनमें से 15 परिवारों में प्रतिमा निर्माण का काम भी किया जाता है। शिल्पकारों के अनुसार वे प्रतिमा बनाने का काम कर रहे थे लेकिन करीब एक सप्ताह पहले वहां पहुंचे पुलिस कर्मियों ने प्रतिमा निर्माण का काम रुकवा दिया। कहा कि इस बार छोटी-बड़ी कोई प्रतिमा नहीं बनेगी। सभी को बक्शीपुर पुलिस चौकी पर बुलाया गया। शिल्पकारों के अनुसार पुलिस के लोगों ने कहा कि प्रतिमा तुम लोग बनाते हो, मुसीबत हमारी होती है। पुलिस चौकी पर किए गए इस व्यवहार से शिल्पकार काफी आहत हैं। उन्होंने इस संबंध में गोरखनाथ मंदिर में आवेदन भी दिया है। कहीं से कोई संदेश न आने से पुलिस के डर के चलते आज भी काम बंद है। बक्शीपुर के साथ ही इस्माइलपुर, नार्मल, रेती, बड़े काजीपुर आदि स्थानों पर भी काम रुका है।

अब तक बनकर तैयाार हो चुकी हैं 150 से अधिक प्रतिमाएं

शिल्पकारों की मानें तो केवल बक्शीपुर में 150 से अधिक प्रतिमाएं बन चुकी हैं। हर साल वे मूर्ति बनाते रहे हैं। इस बार कोरोना को देखते हुए छोटी प्रतिमा की मांग थी। ऑर्डर भी मिले हैं, लेकिन निर्माण इस समय नहीं कर रहे। रोज करीब आठ से 10 लोग घर में रखने के लिए प्रतिमा का ऑर्डर देने आते हैं। सभी को पुलिस की ओर से रोकने की जानकारी दी जा रही है। एक प्रतिमा की कीमत तीन हजार से 3500 रुपये के बीच है।

क्‍या कहते हैं शिल्‍पकार

शिल्‍पकार अवशेध प्रजापति का कहना है कि करीब एक सप्ताह पहले अपाची से पुलिस वाले आए थे और प्रतिमा का निर्माण रोकने को कहा। पुलिस चौकी पर बुलाकर कहा कि प्रतिमा बनाओगे तो किसी केस में अंदर डाल देंगे। उसके बाद हमने गोरखनाथ मंदिर में प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई है। प्रतिमा का निर्माण अभी भी बंद है। रीतेश प्रजापति का कहना है कि पुलिस ने प्रतिमा बनाने वाले सभी परिवार को चौकी पर बुलाकर पूछा कि किसके आदेश से प्रतिमा बना रहे हो। हमने कहा किसी का आदेश नहीं है, हर साल बनाते थे तो इस बार भी बना रहे हैं। इसके बाद प्रतिमा न बनाने को कहा गया। सबका नाम-पता नोट किया गया। न मानने पर चालान कर जेल भेजने की बात कही गई।

डीएम ने कहा-प्रतिमा बनाने पर अभी कोई रोक नहीं

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन का कहना है कि दशहरा को लेकर कोई गाइड लाइन जारी नहीं हुई है लेकिन प्रतिमा बनाने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। शासन की ओर से आगे जैसा दिशा-निर्देश आएगा, उसी के अनुसार कार्यवाही जाएगी। वहीं पुलिस क्षेत्राधिकारी वीपी सिंह का कहना है कि प्रतिमा बनाने या बेचने पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है। यदि कोई पुलिसकर्मी इस काम से रोकता है तो पीडि़त शिल्पकार मुझसे कार्यालय में आकर अपनी शिकायत कर सकता है।


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