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जिले में 700 जोड़ों की होगी शादी

एचआरपीजी अथवा स्पोर्टस स्टेडियम में से किसी एक में होगा कार्यक्रम

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 11:36 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 11:36 PM (IST)
जिले में 700 जोड़ों की होगी शादी
जिले में 700 जोड़ों की होगी शादी

संतकबीर नगर : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जिले में चार या पांच दिसंबर को पंजीकृत जोड़ों की शादी-निकाह हो सकती है। हीरालाल रामनिवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय अथवा विकास भवन के निकट स्थित स्पोर्टस स्टेडियम में से किसी एक जगह यह कार्यक्रम होगा। शासन से कुछ दिन पूर्व 700 जोड़ों के शादी-निकाह कराने का लक्ष्य मिला है। इसकी तुलना में अब तक 376 जोड़ों का पंजीकरण हो चुका है। समाज कल्याण विभाग के कर्मी भव्य ढंग से शादी-निकाह कराने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

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जनपद में अब तक बघौली से 35, खलीलाबाद से 15, सेमरियावां से 75, नाथनगर से 40, पौली से 31, हैंसर बाजार से 35, बेलहरकला से 40, सांथा से 65 व मेंहदावल ब्लाक से 40 कुल 376 जोड़ों का पंजीकरण हो चुका है। डीएम व सीडीओ के स्तर से सभी बीडीओ से कहा गया है कि वे अधिकाधिक जोड़ों का पंजीकरण कराएं। इसमें बीडीओ व समाज कल्याण के जनपद व ब्लाक स्तर के कर्मी लगे हुए हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पूर्व शासन स्तर से अधिकाधिक जोड़ों की शादी-निकाह कराकर कीर्तिमान बनाने की मंशा है। जिला प्रशासन इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए लगा हुआ है। 1435 जोड़ों के विवाह पर खर्च हुए हैं 6.91 करोड़

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत वित्तीय सत्र 2017-18 में 111 जोड़ों के विवाह पर 38.85 लाख रुपये, 2018-19 में 384 जोड़ों के विवाह पर 169.60 लाख रुपये, 2019-20 में 383 जोड़ों के विवाह पर 199.33 लाख रुपये, 2020-21 में 338 जोड़ों के विवाह पर 172.38 लाख रुपये तथा 2021-22 में 219 जोड़ों के विवाह पर 111.69 लाख रुपये खर्च किए गए थे। इस प्रकार इन पांच वित्तीय सत्रों में 1435 जोड़ों के शादी व निकाह पर छह करोड़ 91 लाख 85 हजार रुपये खर्च किए गए थे। प्रत्येक जोड़े के लिए शासन से मिलते हैं 51 हजार रुपये

शासन से प्रत्येक जोड़े की शादी व निकाह के लिए 51 हजार रुपये मिलते हैं। इसमें से 35 हजार रुपये लड़की के बैंक खाते में भेज दी जाती है। वहीं लड़की के पायजेब सहित अन्य सामग्री पर दस हजार रुपये तथा पांडाल, भोजन, पूजा-पाठ की सामग्री पर छह हजार रुपये खर्च किए जाते हैं। कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने में यह योजना वरदान साबित हो रही है। विशेषकर गरीब तबके के लोगों को इस योजना से काफी फायदा हो रहा है। गरीब माता-पिता के लिए बेटियों की शादी की चिता दूर करने में मददगार साबित हुई है। अधिकाधिक जोड़ों की शादी-निकाह कराकर रिकार्ड बनाने की मंशा है। सभी के सहयोग से यह उपलब्धि हासिल की जाएगी। इसके लिए प्रयास जारी है।

महेंद्र कुमार, प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी


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