कोरोना वायरस की राहत देने वाली खबर- बाजार में आई सस्ती दवा, दो नए अस्पतालों में होगा इलाज Gorakhpur News
गोरखपुर के बाजार में कोरोना वायरस की सस्ती दवा आ गई है। इसके साथ गोरखपुर के दो नए अस्पतालों को कोरोना वायरस का इलाज करने की अनुमति दी गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। बाजार में इस मर्ज की और सस्ती दवा आ गई है। फेविलो नाम की इस दवा की कीमत मात्र 35 रुपये प्रति टेबलेट है। इससे पहले बाजार में कोरोना की सबसे सस्ती दवा फेबिफ्लू 65 रुपये प्रति टेबलेट थी। यानी फेविलो से मरीजों के इलाज का खर्च लगभग आधा हो जाएगा। दोनों दवाओं में एक ही साल्ट का इस्तेमाल किया गया है, जिसका नाम फेविपिराविर है। कंपनी अलग होने के नाते दवा का ब्रांड नाम अलग है।
ग्लेनमार्क कंपनी ने पहले 200 एमजी फिर 400 एमजी पावर वाली फेबिफ्लू लांच की। 200 एमजी वाली गोली की कीमत 65 रुपये और 400 एमजी वाली 98.50 रुपये की है। 400 एमजी की टेबलेट से खुराक आधी हो जाती है और 122 के बजाए 61 गोली ही खानी होती है। एमएसएन कंपनी की फेविलो फिलहाल 200 एमजी में ही आई है। चूंकि फेविलो की कीमत 35 रुपये ही है, ऐसे में 400 एमजी वाली खुराक के मुकाबले फेविलो से इलाज का खर्च करीब 30 फीसद कम हो जाएगा।
यह है डोज
कंपनी ने फेविलो का भी वही डोज निर्धारित किया है, जो फेबिफ्लू का है। मरीज को 14 दिन में 122 टेबलेट लेनी है। पहले दिन 18 टेबलेट, इसके बाद प्रतिदिन आठ टेबलेट खानी होती है। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ.राजेश कुमार ने बताया कि हल्के लक्षण में यह दवा काफी कारगर है।
डॉक्टर भी लिखने लगे
दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय उपाध्याय व दवा व्यापारी हर्ष बंका ने बताया कि फेविलो भालोटिया में आ चुकी है। डॉक्टर भी यह दवा लिखने लगे हैं, इसलिए मांग भी बढ़ी है।
दो और निजी अस्पतालों में होगा कोरोना का इलाज
कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर शहर में 26 बेड के लेवल-टू अस्पताल की सुविधा बढ़ा दी गई है। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने दो निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज की अनुमति दे दी है। आर्यन हॉस्पिटल को छह बेड व उदय हॉस्पिटल को 20 बेड की अनुमति मिली है। जांच की संख्या बढऩे के साथ संक्रमितों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सुविधा है, लेकिन लक्षण वाले मरीजों को इलाज के लिए कोविड 19 लेवल-टू अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज, रेलवे व टीबी अस्पताल में लेवल-टू की सुविधा है, यहां इलाज निश्शुल्क होता है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने निजी अस्पतालों को भी कोरोना मरीजों के इलाज की अनुमति दी है। फातिमा में 25 व पैनेशिया हॉस्पिटल में 80 बेड का कोविड अस्पताल पहले ही बनाया जा चुका है। इन अस्पतालों में बेड लगभग फुल हैं, इसलिए प्रशासन ने दो नए अस्पतालों को अनुमति प्रदान की है।
दो नए अस्पतालों में 26 बेड की लेवल-टू की सुविधा शुरू की गई है। आर्यन में मरीज भर्ती होने लगे हैं। उदय में भी गुरुवार से भर्ती शुरू हो जाएगी। यहां भर्ती मरीजों को प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क देना होगा। - डॉ. एनके पांडेय, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी