Coronavirus : इनके जज्बे को देखकर ही हार जाएगा कोरोना Gorakhpur News
डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ पूरे जज्बे के साथ इस बीमारी को हराने में जुटे हुए हैं। इनका जज्बा हिम्मत व तैयारी ऐसी है कि कोरोना देखकर ही हार जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना से हर विभाग अपने-अपने तरीके से जंग लड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग सबसे आगे खड़ा होकर मोर्चा संभाले हुए है। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ पूरे जज्बे के साथ इस बीमारी को हराने में जुटे हुए हैं। इनका जज्बा, हिम्मत व तैयारी ऐसी है कि कोरोना देखकर ही हार जाएगा।
विषम परिस्थितियों में मरीजों के साथ खड़े हैं स्वास्थ्यकर्मी
विषम परिस्थितियों में जब लोग कोरोना से बचने के लिए अपने घरों में हैं, वहीं स्वास्थ्य कर्मी उसे हराने के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं। पूरी सुरक्षा के साथ कोरोना को हराने दृढ़ संकल्प ले चुके हैं।
मरीज से दूरी नहीं बना सकता डाक्टर
बेतियाहाता स्थित एक नर्सिंग होम में सर्जन डॉ. एपी गुप्ता सुरक्षा उपकरणों से पूरी तरह लैस होकर मरीज की देखरेख कर रहे थे। वह मरीज को भी सावधानी बरतने की सलाह देते जा रहे थे। बिल्कुल मरीज के पास खड़े होने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि डॉक्टर मरीज से दूरी नहीं बना सकता, हां इसके लिए जरूरी उपाय किए गए हैं। हम डर जाएंगे तो मरीजों की देखभाल कौन करेगा।
हमारा पेश ही बीमारियों से लड़ने का
जिला अस्पताल की फ्लू कार्नर ओपीडी में डॉ. राजेश कुमार ने मरीजों की सेवा की। लगभग 74 मरीज उन्होंने देखा, इसमें तीन लोग विदेश से आए थे। बावजूद उनके चेहरे पर कोई भय नहीं था बल्कि योद्धा के भाव थे। उन्होंने सभी मरीजों को सावधानी बरतने और अकेले में रहने की सलाह दी। डॉ. राजेश ने कहा कि हमारा पेशा ही है बीमारियों से लडऩे का। बीमारियां हमारी दुश्मन हैं, हम उनसे लड़ते रहेंगे और अंतत: जीत हमारी ही होगी।
डाक्टर नहीं हो रहे विचलित
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाले हर मरीज को देखना और उनकी दवा लिखना आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. आरके सिंह को विचलित नहीं कर पा रहा है। वह पूरी तरह सुरक्षा उपकरणों के साथ थे। डॉ. सिंह ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि यह बीमारी भागे। इसके लिए पूरा स्वास्थ्य विभाग कमर कसकर तैयार है।
नर्स भी पीछे नहीं
वहीं इमरजेंसी वार्ड में मरीज की देखभाल कर रहीं नर्स संध्या विश्वकर्मा कोरोना से पूरी तरह बेखौफ थीं। उन्होंने कहा कि हम इस पेशे में आए ही इसलिए हैं कि जब सब लोग साथ छोड़ दें तो हम खड़े रहेंगे। ट्रेनिंग ने इतनी हिम्मत दी है कि किसी भी परिस्थिति से निपटने में हम सक्षम हो गए हैं।