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कोरोना के हथियार से टीबी की हार, 84 फीसद मरीज पांच महीने में ही हो गए ठीक Gorakhpur News

छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. वीएन अग्रवाल कहते हैैं कि कोरोना व ट्यूबरकुलॉसिस में कई समानताएं पहले ही सिद्ध हो चुकी है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 09:30 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 09:30 AM (IST)
कोरोना के हथियार से टीबी की हार, 84 फीसद मरीज पांच महीने में ही हो गए ठीक Gorakhpur News
कोरोना के हथियार से टीबी की हार, 84 फीसद मरीज पांच महीने में ही हो गए ठीक Gorakhpur News

रजनीश त्रिपाठी, गोरखपुर। दो गज की दूरी, मास्क, इम्यूनिटी और साफ-सुथरी हवा जैसे हथियार कोरोना के साथ टीबी (क्षय रोग) को भी मात देने लगे हैैं। इसका प्रमाण पांच माह में ही टीबी से निजात पाने वाले वो 84 फीसद मरीज हैैं, जिन्होंने टीबी की दवा नियमित लेने के साथ ही कोरोना से बचाव वाले सभी हथियारों का इस्तेमाल किया। फरवरी मेें टीबी मरीज के रूप में चिह्नित हुए थे और अगस्त में स्वस्थ हो गए। विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 प्रोटोकाल के प्रति ऐसी ही प्रतिबद्धता कायम रही तो पांच सालों में टीबी जड़ से खत्म हो सकती है।

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2025 तक खत्‍म करने का निर्देश

जिला अस्पताल और छह ब्लाकों की तैयार हो रही रिपोर्ट बता रही है कि फरवरी में चिह्नित 136 मरीजों में से 115 मरीज अगस्त में स्वस्थ हो गए। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र बताते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, वहीं भारत सरकार इसे 2025 तक ही खत्म करने की दिशा में काम कर रही है। कोरोना से बचाव को लेकर हम जिन साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसमें मास्क और शारीरिक दूरी का सीधा फायदा टीबी के संक्रमण को रोकने और मरीजों की संख्या घटने के रूप में सामने आया है। कई स्वास्थ्य केंद्रों पर मिले मरीज तो पांच महीने में ही ठीक हो गए, लेकिन एहतियात के तौर पर उनकी दवा छह तक चलाई जा रही है।

दोनो बीमारियों में कई समानताएं

छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. वीएन अग्रवाल कहते हैैं कि कोरोना व ट्यूबरकुलॉसिस में कई समानताएं पहले ही सिद्ध हो चुकी है। फेफड़ों पर हमला करने वाली दोनों बीमारियों में खांसी, बुखार, सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण समान हैं। कोरोना से बचाव के के लिए अपनाए जा रहे उपाय टीबी से निजात दिलाने में भी बेहद अहम हैं। इसमें मास्क का प्रयोग, शारीरिक दूरी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़़ाना और स्वच्छ हवा बेहद अहम हैं। मरीजों के ठीक होने की दर संकेत कर रही है कि कोरोना से बचाव के हथियार टीबी खत्म करने में सहायक हैं। लोग नियमित दवा लेने के साथ इतने ही सजग रहे तो टीबी को खत्म किया जा सकता है।

फरवरी में चिह्नित मरीजों के स्वस्थ होने की रफ्तार

अस्पताल       मरीज        स्वस्थ

जिला अस्पताल    56         55

बड़हलगंज         19         10

बांसगांव           10          08

भटहट             10           08

पिपराइच          18           13

सहजनवां          10          10

उरुवा              13          11

कोरोना काल में प्रदूषण

स्थान      फरवरी   अगस्त

आवासीय    145     60

व्यावसायिक  231     104

औद्योगिक    280    160


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