Corona Update: गोरखपुर में एक माह में बढ़ गई तीन गुना संक्रमण दर, स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता
गोरखपुर सहित मंडल के सभी जिलों में कोरोना अपना पांव पसारने लगा है। जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ने लगी है। ऐसे में रोज ऑनलाइन मीटिंग में संक्रमण की रोकथाम की तैयारियों की समीक्षा हो रही है। मेडिकल कॉलेज से कोविड अस्पाताल संचालित करने का अनुरोध किया जा रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर में कोरोना के बढ़ते कदम ने स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया है। लगभग चार माह से नियंत्रित चल रहे संक्रमण ने अचानक रफ्तार पकड़ ली है। एक माह में तीन गुना संक्रमण बढ़ गया है। अप्रैल में संक्रमण दर .5 व मई में .1 प्रतिशत थी। जून में .3 प्रतिशत हो गई है। दिसंबर 2021 से लेकर अब तक की संक्रमण दर 1.42 प्रतिशत है। विभाग का मानना है कि संक्रमण बढ़ रहा है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। इसकी रोकथाम को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
25 दिसंबर को मिला था तीसरी लहर का पहला मरीज: जिले में कोरोना की तीसरी लहर का पहला संक्रमित 25 दिसंबर को मिला था। मार्च आते-आते संक्रमण नाममात्र का रह गया था। दो हजार लोगों की जांच में किसी दिन एक-दो संक्रमित मिलते थे और किसी दिन कोई रिपोर्ट पाजिटिव नहीं आती थी। पिछले 10 दिनों से अचानक संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी और सक्रिय रोगियों की संख्या 97 पर पहुंच गई। इसे लेकर विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। प्रतिदिन सुबह 10.15 बजे आनलाइन बैठक कर रोकथाम की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है। \
सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि सभी सीएचसी व टीबी अस्पताल को कोरोना के उपचार के लिए तैयार कर दिया गया है। संक्रामक रोग विभाग में 24 घंटे जांच की व्यवस्था की जाएगी। नगर आयुक्त से अनुमति मिल चुकी है। एक- दो दिन में जांच केंद्र शुरू कर दिया जाएगा। टीकाकरण को बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। ताकि अधिक से अधिक लोग कोरोना से सुरक्षित हो सकें। रेलवे अस्पताल व बीआरडी मेडिकल कालेज से कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए अनुरोध किया गया गया है।
सभी सीएचसी-पीएचसी पर शुरू हुई जांच: कोरोना जांच के नोडल अधिकारी डा. एके सिंह ने बताया सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर कोरोना जांच शुरू कर दी गई है। शीघ्र ही संक्रामक रोग विभाग में 24 घंटे जांच की व्यवस्था की जा रही है। रेलवे स्टेशन पर गेट नंबर पांच के सामने प्रतिदिन जांच के लिए मोबाइल वैन लगाई जा रही है।