Coronavirus : गोरखपुर में संक्रमण से जिस युवक की हुई थी मौत, उसका करीबी भी निकला कोरोना संक्रमित Gorakhpur News
Coronavirus गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में बस्ती के जिस युवक की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई थी उसका करीबी भी कोरोना संक्रमित निकला।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में बस्ती के जिस युवक की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई थी उसका करीबी भी कोरोना संक्रमित निकला। एक ही जिले में दो संक्रमित मिलने से अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं। बस्ती जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज की व्यवस्था बदल दी गई है।
अस्पताल में इलाज के दौरान हसनैन से हमेशा आता था मिलने
बस्ती में 26 वर्षीय के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर जिले में हड़कंप मच गया है। संक्रमित युवक कोरोना संक्रमित मृत युवक हसनैन का करीबी बताया जा रहा है। हसनैन के अस्पताल में इलाज के दौरान वह हमेशा मिलने आता था। बस्ती से जांच के लिए केजीएमयू भेजे गए नमूने में से जांचे गए अभी तक 25 सैंपल में एक पॉजिटिव पाया गया शेष अन्य निगेटिव है। संक्रमित युवक सिराज अहमद जिले के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के ग्राम गिदही का रहने वाला है। युवक जिला अस्पताल में आइसाेलेट है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. फखरेयार हुसैन ने बताया कि रिपोर्ट में काेरोना संक्रमण पाया गया है। रिपोर्ट आने के बाद गिदही में स्वास्थ्य टीम पहुंच कर उसके परिवार वालों की जांच कर रही है। जिले के भी स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट कर दिया गया है।
कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद मेडिकल कालेज प्रशासन ने ब्यवस्था में किया बदलाव
उधर, बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने चिकित्सा व्यवस्था में बदलाव किया है। अब इंसेफ्लाइटिस वार्ड नंबर 100 के ग्राउंड फ्लोर पर मेडिसिन के सभी मरीजों की इमरजेंसी ओपीडी शुरू कर दी गयी है जहां पीडिया के मरीजों के भी चिकित्सक मौजूद रहेंगे। पहले वार्ड नंबर 14 में मेडिसिन इमरजेंसी चलती थी, वार्ड नंबर 14 के मरीजों को ग्राउंड फ्लोर पर वार्ड नंबर 12 में शिफ्ट किया गया है।
इसलिए बदली गई व्यवस्था
यह निर्णय कोरोना के संक्रमण को देखकर लिया गया है क्योंकि सभी मरीज पहले वार्ड नंबर 14 में चले जाते थे। इस कारण मरीजों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं चिकित्सकों में संकमण का खतरा बना रहता था। मेडिसिन का कोई मरीज अब सीधे इंसेफ्लाइटिस वार्ड नंबर 100 के इमरजेंसी में पहुंचेगा। अगर कोरोना संदिग्ध होगा तो वहीं से कोरोना वार्ड में भेज दिया जाएगा और अगर सामान्य मेडिसिन का मरीज होगा तो वार्ड नंबर 12 में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इंसेफ्लाइटिस वार्ड के ग्राउंड फ्लोर पर इमरजेंसी फ्लू कार्नर ओपीडी बनाने से पीडिया के बच्चों में संक्रमण का खतरा बन सकता है। इंसेफ्लाइटिस वार्ड के प्रथम तल पर नवजात शिशु गहन कक्ष है जहां एक दिन से 28 दिन तक के बच्चे भर्ती किये जाते हैं तथा दूसरे तल पर पीडिया विभाग है।