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Corona Vaccination: विदेश जाने वाले तीन माह बाद लगवा सकेंगे सतर्कता डोज, सीएमओ से लेनी होगी अनुमति

विदेश जाने वाले लोग अब सीएमओ के सामने कागजात प्रस्तुत कर सतर्कता डोज लेने कि लिए अनुमति ले सकेंगे। इन लोगों को 90 दिन बाद ही सतर्कता डोज लगवाने की अनुमति मिल जाएगी। हालांकि वैक्सीन का सतर्कता डोज निजी अस्पतालों में लगवाना होगा।

By Pragati ChandEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 02:50 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 02:50 PM (IST)
Corona Vaccination: विदेश जाने वाले तीन माह बाद लगवा सकेंगे सतर्कता डोज, सीएमओ से लेनी होगी अनुमति
विदेश जाने वाले तीन माह बाद लगवा सकेंगे सतर्कता डोज। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। विदेश यात्रा करने वाले अब तीन माह बाद ही कोरोनारोधी वैक्सीन की सतर्कता डोज लगवा सकेंगे। इसके लिए उन्हें मुख्य चिकित्साधिकारी के सामने जरूरी कागजात प्रस्तुत कर अनुमति लेनी होगी। कोविन पोर्टल पर कोई कागजात अपलोड नहीं करना होगा। आम लोगों को दूसरी डोज के नौ माह बाद इसे लगवाने की अनुमति है।

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मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि शासन ने अब विदेश जाने वाले लोगों को 90 दिन बाद ही सतर्कता डोज लगवाने की अनुमति प्रदान कर दी है। ऐसे लोगों को अभी निजी अस्पतालों में ही यह डोज लगवानी होगी। अभी सरकारी में इसकी व्यवस्था नहीं है। शीघ्र ही सरकारी अस्पतालों में भी यह व्यवस्था कर दी जाएगी। यह डोज इस साल 10 जनवरी से 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लगनी शुरू हुई थी। बाद में शासन ने 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों के लिए अनुमति प्रदान कर दी। अभी तक जिले में 497926 लक्ष्य के सापेक्ष 74948 लोगों को यह डोज लगाई जा सकी है।

7891 लोगों को लगाया गया कोरोनारोधी टीका: कोविड टीकाकरण अभियान में मंगलवार को 102 बूथों पर 7891 लोगों को कोरोनारोधी टीका लगाया गया। बूथों पर बहुत कम संख्या में लोग पहुंचे। सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि वैक्सीन की कमी नहीं है। लोग बूथों पर आएं, सभी को टीका लगाया जाएगा। कोविड संक्रमण की जांच में एक भी रिपोर्ट पाजिटिव नहीं आई है। जिले में एक सक्रिय रोगी है। उन्होंने बचाव की अपील की है।

खाने की नली में फंसा था सिक्का, डाक्टरों ने बचाई जान: 10 वर्षीय बच्चे का आपरेशन कर बीआरडी मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने उसकी जान बचा ली। खाने की नली में एक साल से सिक्का फंसा हुआ था। अब उसकी तबीयत में काफी सुधार है। बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। देवरिया के रुद्रपुर निवासी प्रियांशु ने खेलने के दौरान सिक्का मुंह में डाला, जो गले में उतर गया और खाने की नली में जाकर फंस गया। मार खाने के डर से उसने स्वजन को इसकी जानकारी नहीं दी। पिछले दो माह से उसे खाना खाने में दर्द व उल्टी होने लगी तब उसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। नाक-कान-गला रोग विभाग के अध्यक्ष डा. आरएन यादव व एसोसिएट प्रोफेसर डा. पीएन सिंह ने बच्चे का आपरेशन किया। एनेस्थीसिया के डा. सुरेश सिंह का सहयोग रहा। उन्होंने बताया कि सिक्के पर मांस चढ़ गया था। ऐसा होने में लगभग एक साल लगते हैं।


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