बस नाम का अलर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और एयरपोर्ट पर कहीं नहीं हो रही कोरोना की जांच
गोरखपुर में केवल कागजों पर ही कोरोना अलर्ट चल रहा है। रेलवे स्टेशन बस स्टेशन और एयरपोर्ट पर कहने को अलर्ट है लेकिन यहां आने वाले किसी भी यात्री की कोरोना की जांच नहीं हो रही है। रेलवे स्टेशन पर जांच की सारी मशीनें खराब पड़ी हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभागों में कागजों में जितना अलर्ट पर है यदि उतना जमीन पर काम करता तो शायद ही कोई संक्रमित होता। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और एयरपोर्ट पर उसकी टीम बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच कर रहा है। दैनिक जागरण ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की पड़ताल की तो जांच की छोडि़ए कहीं कोई स्वास्थ्यकर्मी तक नहीं दिखा। रेलवे स्टेशन पर मौजूद एक कुली ने टिप्पणी की, हम आज से नहीं दो साल से देख रहे हैं, जांच के नाम पर सिर्फ मजाक होता है, कभी-कभार एक एंबुलेंस कुछ देर खड़ी होती है।
यात्री भी बरत रहे लापरवाही
कोरोना संक्रमण जिस तरह से बढ़ रहा है उसे देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि जुलाई महीने में संक्रमित बहुत ज्यादा संख्या में होंगे। हाल के दिनों में स्वास्थ्य विभाग ने खुद को अपडेट करने का दावा करते हुए जांच का दायरा बढ़ाने की बात कही। खुद सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दूबे कहते है, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और एयरपोर्ट पर हमारी टीमें आने वाले यात्रियों की जांच कर रही हैं। जिनमें कोरोना की पुष्टि हो रही है और कोई लक्षण नहीं दिखते उन्हें एंबुलेंस से उनके घर भेजकर अलग रहने की सलाह दी जाती है। यदि कोई संक्रमित गंभीर हालत में मिलेगा तो उसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया जाएगा। लोग जांच नहीं कराना चाह रहे हैं।
यात्री आते-जाते रहे, कोई नहीं दिखा
रेलवे स्टेशन के तीन प्रवेश और निकास द्वार पर यात्री आते-जाते रहे पर कहीं एक भी स्वास्थ्यकर्मी नहीं दिखा। प्लेटफार्म नंबर एक पर बने प्रवेश द्वार के अंदर पूछताछ काउंटर पर यात्री बिना मास्क लगाए एक-दूसरे को धकियाते ट्रेन की स्थिति देखने में जुटे थे। पूरा हाल यात्रियों से भरा था पर कोई भी मास्क नहीं लगाया था। पता चला कि कोई स्वास्थ्यकर्मी नहीं आया था।
खराब मिलीं मशीनें
प्लेटफार्म नंबर दो के प्रवेश द्वार के किनारे दीवार पर तापमान की जांच का संदेश लिखा देख यात्री जांच के लिए रुकते लेकिन मशीन सभी का तापमान सामान्य ही बताती रही। सामान्य व्यक्ति के शरीर का तापमान 37 डिग्री सेंटीग्रेड यानी 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है पर मशीन में 36 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास ही तापमान बताता रहा। वीआइपी गेट पर तापमान की जांच के लिए लगी मशीन खराब मिली। कंपनियों और कोङ्क्षचग सेंटर की ओर से लगाई गई ज्यादातर सैनिटाइजर मशीन या तो खराब हो गई हैं या उनमें सैनिटाइजर ही नहीं है।
खांसी आ रही थी फिर भी नहीं लगाया मास्क
दोपहर में रेलवे स्टेशन पर पहुंचे एक यात्री को लगातार खांसी आ रही थी लेकिन उसने मास्क नहीं लगाया। और तो और उसकी लगातार खांसी की बगल से गुजर रहे लोग भी अनदेखी करते रहे। बचाव के लिए उन्होंने भी मास्क नहीं लगाया।
मास्क की बिक्री बिल्कुल नहीं
रेलवे स्टेशन के गेट पर नंद वर्मा मास्क बेच रहे थे। कितना बिका के सवाल के जवाब में बोले, Óपूरे दिन में 10-15 बिक जाए वही बड़ी बात है। लोग मास्क देखते हैं और आगे बढ़ जाते हैं, न तो लोगों को परवाह है और नही कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सख्ती करने की अफसरों को ङ्क्षचता है।Ó रेलवे स्टेशन पर रोजाना हजारों यात्री आते हैं और जाते हैं पर कोई मास्क नहीं लगा रहे हैं।