Corona In Gorakhpur: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पड़ सकती है भारी, मात्र 12 से 20 केंद्रों पर हो रही जांच
देश कि कई राज्यों में बढ़ रहे कोरोना के मामले को लेकर सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को बचाव के उपाय के लिए सतर्क किया है। बावजूद इसके गोरखपुर में विभाग नींद में है। अभी तक रेलवे व बस स्टेशन पर जांच केंद्र नहीं बने हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना ने जिले में दस्तक दे दी है, लेकिन उससे निपटने की तैयारी जिले में आधी-अधूरी है। संक्रमण ने सिर उठा लिया है और विभाग उसकी रोकथाम की व्यवस्था करने की बजाय लापरवाही की नींद में है। 57 में से मात्र 12 से 20 केंद्रों पर कोरोना की जांच हो रही है वह भी 24 घंटे में लगभग चार से छह सौ नमूने लिए जा रहे हैं।
रेलवे व बस स्टेशन पर अभी तक जांच बूथ नहीं बनाए गए। जबकि एम्स, बीआरडी मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल के मेडिसिन ओपीडी में पहुंचने वाले कोरोना के लक्षण वाले रोगियों की संख्या लगभग 30 प्रतिशत है। सभी की जांच नहीं हो रही है। इतना ही नहीं 63 प्रतिशत लोगों का सुरक्षा चक्र भी पूरा नहीं हो पाया है। तीन महीने से जिले में कोरोनारोधी वैक्सीन खत्म है, अभी तक मात्र 37 प्रतिशत लोगों को ही सतर्कता डोज लगाई जा सकी है। सतर्कता व बचाव ही इस वायरस से बचने का एकमात्र उपाय है, इसका पालन अस्पतालों में भी नहीं हो रहा है।
सरकार ने दिया है ये निर्देश
देश के अनेक हिस्सों में कोरोना संक्रमण फैलने के बाद सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्कता बरतने का निर्देश जारी कर दिया है। बावजूद इसके विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। लापरवाही इस हद तक है कि अभी तक रेलवे व बस स्टेशन पर जांच बूथ ही नहीं बनाए गए, जबकि दूसरे राज्यों व जिलों से सर्वाधिक लोग रेलवे व रोडवेज के माध्यम से ही शहर में आते हैं। वे बिना जांच कराए घर जा रहे हैं। ऐसे में यदि उनमें संक्रमण हुआ तो जिले में फैलते देर नहीं लगेगी। दूसरी लहर में यही हुआ था। बिना जांच कराए लोग घर गए और संक्रमण इतना ज्यादा फैला कि अस्पतालों में जगह खाली नहीं रही।
प्रतिदिन हो रही चार से छह सौ जांच
जिले में 57 कोविड जांच केंद्र हैं। सरकार के निर्देश के बाद भी सभी केंद्रों पर जांच शुरू नहीं हो पाई है। प्रतिदिन 5500 जांच करने का निर्देश है, इसके सापेक्ष चार से छह सौ तक नमूनों की ही जांच की जा रही है। मात्र 12 से 20 केंद्रों पर ही जांच शुरू हो पाई है। उसमें भी अनेक केंद्रों पर आरटी-पीसीआर जांच के लिए नमूने लिए ही नहीं जा रहे हैं, जबकि जेल के दो बंदियों की रिपोर्ट आरटी-पीसीआर जांच में ही पाजिटिव आई थी, एंटीजन से उनकी भी रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
17.94 लाख लोग सतर्कता डोज से वंचित
जिले में 2864547 लोगों को सतर्कता डोज लगाने का लक्ष्य है। इसके सापेक्ष अभी तक मात्र 1070215 लोगों को ही यह डोज लगाई जा सकी है। जिले में लगभग दो माह से कोरोनारोधी वैक्सीन खत्म है। अंतिम बार 17 जनवरी को कोविशील्ड की 34800 डोज आई थी। इसके बाद डोज नहीं आई है। निजी अस्पतालों में शुल्क देकर भी वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में नागरिकों के सामने सतर्कता डोज लगवाने का संकट खड़ा हो गया है।
मंगलवार को इन केंद्रों पर हुई इतनी जांच
केंद्र आरटी-पीसीआर एंटीजन
जिला अस्पताल 15 15
इमरजेंसी जिला अस्पताल 00 04
चरगांवा 10 10
खजनी 00 16
कौड़ीराम 00 16
कैंपियरगंज 00 49
भटहट 00 33
पाली 00 12
जंगल कौड़िया 00 23
शहर 00 50
मोबाइल वैन 64 64
एयरपोर्ट 00 25
बुधवार को इन केंद्रों पर हुई इतनी जांच
केंद्र आरटी-पीसीआर एंटीजन
जिला अस्पताल 25 25
पिपराइच 40 40
गगहा 02 24
भटहट 00 84
चरगांवा 38 38
कौड़ीराम 00 15
सरदार नगर 00 18
पीपीगंज 00 19
बांसगांव 00 48
कैंपियरगंज 00 60
ब्रह्मपुर 00 22
बरही 00 16
सहजनवां 00 12
पाली 00 11
पिपरौली 00 27
उरुवा 00 20
अरांव जगदीश 00 05
ढेबरा 00 10
चौरीचौरा 00 14
क्या कहते हैं अधिकारी
सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि सभी जांच केंद्रों को सक्रिय किया जा रहा है। लैब टेक्नीशियन की हर केंद्र पर ड्यूटी लगाई जा रही है। शीघ्र ही सभी केंद्रों, रेलवे व बस स्टेशन पर भी जांच बूथ बना दिए जाएंगे। सभी कोविड अस्पतालों को क्रियाशील करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। हमारे पास उपचार के सभी संसाधन उपलब्ध हैं। लोग मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करें।