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संविदा डॉक्टरों को ढाई लाख, स्थाई को सिर्फ 60 हजार

डाक्टरों को इमरजेंसी में कभी भी बुला लिया जाता है। डाक्टर कोई आनाकानी नहीं करता है। इसलिए काम के घंटे तय होने वाहिए।

By Edited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 07:29 AM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 01:34 PM (IST)
संविदा डॉक्टरों को ढाई लाख, स्थाई को सिर्फ 60 हजार
संविदा डॉक्टरों को ढाई लाख, स्थाई को सिर्फ 60 हजार

गोरखपुर, (जेएनएन)। सरकारी डाक्टरों ने सरकार से काम के घंटे निर्धारित करने मांग शुरू कर दी है। डाक्टरों का मानना है कि हमारे काम के घंटे तय नहीं है। इमरजेंसी जब मन हुआ तब बुला लिया जाता है। मरीजों की हालत को देखते हुए डाक्टर भी मना नहीं कर पाता है। वह यह नहीं देखता है कि कितने घंटे काम कर रहे हैं। डाक्टर मरीजों की सेवा करता है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह काम के घंटे तय करे। प्रांतीय चिकित्सा संवर्ग (पीएमएस) के डॉक्टरों ने आवाज बुलंद करनी शुरू की है।

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पत्रकारों से बातचीत में पीएमएस के सचिव डॉ. क्षेत्रपाल यादव ने सरकारी डाक्टरों की कार्यो को फोकस करते हुए कहा कि नॉन प्रैक्टिस एलाउंस 35 फीसद करते हुए एक जनवरी 2016 से दिया जाना चाहिए। स्वास्थ्य सेवा संवर्ग और दंत सेवा संवर्ग के डॉक्टरों को तत्काल प्रोन्नति भी मिलनी चाहिए। डॉक्टरों के उनकी विशेषज्ञता के अनुरूप संसाधन मुहैया भी कराए जाएं। पोस्टमार्टम भत्ता प्रति केस एक सौ रुपये से बढ़ाकर दो हजार रुपये किए जाएं। नोएडा प्राधिकरण की तर्ज पर वाहन भत्ता या 40 लीटर पेट्रोल या डीजल दिया जाए।

दंत संवर्ग के डॉक्टरों को विशिष्ट एसीपी का लाभ एक दिसंबर 2008 से दिया जाए। कार्य के घंटे निर्धारित हों और राजपत्रित अवकाश में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रखी जाएं। 1990-92 के बीच तदर्थ रूप से नियुक्त तकरीबन एक हजार डॉक्टरों को नियुक्ति तिथि से ही सभी परिणामी लाभ दिए जाएं। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को कायम रखते हुए सभी लंबित आवेदनों को तत्काल निस्तारित किया जाए।

उन्होंने कहा कि आठ घंटे काम के लिए रखे जाने वाले संविदा डॉक्टरों को ढाई लाख रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं लेकिन 24 घंटे और सातों दिन काम करने वाले स्थाई डॉक्टरों को सिर्फ 60-70 हजार रुपये ही मिल रहे हैं। सुरक्षा के लिए सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों की अस्पतालों में तैनाती की जाए। डॉक्टरों के विरुद्ध लंबित जांच छह माह में निस्तारित की जाए। छह माह से अधिक समय बीतने पर डॉक्टर को निर्दोष माना जाए।


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