बिजली विभाग में उपभोक्ताओं की समस्या हजार, आश्वासन ही देते 'सरकार'
गोरखपुर शहर के बिजली उपभोक्ता काफी परेशान हैं। एक तो गलत मीटर रीडिंग से उपभोक्ता वैसे ही परेशान हैं। ऊपर उनका खराब मीटर भी नहीं बदला जा रहा है।
By Edited By: Published: Thu, 21 Mar 2019 10:24 AM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 09:13 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। शहर में बिजली व्यवस्था बेपटरी होती जा रही है। 24 घंटे आपूर्ति का दावा कर अफसर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, लेकिन उपभोक्ताओं को होनी वाली परेशानियों का समाधान करने वाला कोई नहीं है। गलत मीटर रीडिंग हर महीने दर्द दे रही है तो खराब मीटर बदलवाने के लिए उपभोक्ता अफसरों की चौखट पर मारे-मारे फिर रहे हैं। शिकायत करने पर सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाकर उन्हें वापस कर दिया जा रहा है।
उपभोक्ता मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत कर रहे हैं तो गलत जवाब देकर मामले को निस्तारित दिखा दिया जा रहा है। शहर के बक्शीपुर निवासी सलीम खान के घर का मीटर करीब छह महीने से खराब है। सलीम लगातार मीटर बदलने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अफसर उन्हें आजकल आने की बात कहकर टरका रहे हैं। सलीम कहते हैं कि मीटर न चलने के कारण हमेशा कार्रवाई का डर सता रहा है। इसी तरह रुस्तमपुर निवासी चंद्रकेश राय के घर मीटर रीडर आए महीनों हो चुके हैं, लेकिन हर महीने बिल बन रहा है।
यहां तक तो ठीक था, लेकिन इलाके का मीटर रीडर अपने मन से यूनिट फीड कर दे रहा है। हर महीने उन्हें बिल ठीक कराने को दौड़ना पड़ रहा है। कैसे बन रहा बिल, हैरान हैं सभी यदि आंकड़ों की बात करें तो शहर में ही हर महीने करीब 40 फीसद उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग नहीं हो रही है। यानी करीब 80 हजार उपभोक्ताओं को बिजली का बिल जमा करने के लिए उपकेंद्रों का चक्कर काटना पड़ रहा है। जिन उपभोक्ताओं के बिल का मैसेज मोबाइल पर आ रहा है वह हैरान रह जा रहे हैं, वजह कि कोई रीडर तो घर आया नहीं था। उधार के भरोसे मीटर छह महीने से ज्यादा समय से शहर में पोस्ट पेड मीटर की कमी है।
कभी देवरिया तो कभी बलिया से उधार में मीटर मंगाया जा रहा है, लेकिन अब भी भारी संख्या में उपभोक्ता ऐसे हैं जिनके परिसर का खराब मीटर नहीं बदला जा सका है। नए कनेक्शन पर भी मीटर नहीं लग पा रहे हैं। की गई है डिमांड चीफ इंजीनियर देवेन्द्र सिंह का कहना है कि मीटर की डिमांड की गई है। मीटर रीडरों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि घर बैठे बिल बनाया तो खैर नहीं होगी। व्यवस्था की मॉनीट¨रग कर रहा हूं।
उपभोक्ता मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत कर रहे हैं तो गलत जवाब देकर मामले को निस्तारित दिखा दिया जा रहा है। शहर के बक्शीपुर निवासी सलीम खान के घर का मीटर करीब छह महीने से खराब है। सलीम लगातार मीटर बदलने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अफसर उन्हें आजकल आने की बात कहकर टरका रहे हैं। सलीम कहते हैं कि मीटर न चलने के कारण हमेशा कार्रवाई का डर सता रहा है। इसी तरह रुस्तमपुर निवासी चंद्रकेश राय के घर मीटर रीडर आए महीनों हो चुके हैं, लेकिन हर महीने बिल बन रहा है।
यहां तक तो ठीक था, लेकिन इलाके का मीटर रीडर अपने मन से यूनिट फीड कर दे रहा है। हर महीने उन्हें बिल ठीक कराने को दौड़ना पड़ रहा है। कैसे बन रहा बिल, हैरान हैं सभी यदि आंकड़ों की बात करें तो शहर में ही हर महीने करीब 40 फीसद उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग नहीं हो रही है। यानी करीब 80 हजार उपभोक्ताओं को बिजली का बिल जमा करने के लिए उपकेंद्रों का चक्कर काटना पड़ रहा है। जिन उपभोक्ताओं के बिल का मैसेज मोबाइल पर आ रहा है वह हैरान रह जा रहे हैं, वजह कि कोई रीडर तो घर आया नहीं था। उधार के भरोसे मीटर छह महीने से ज्यादा समय से शहर में पोस्ट पेड मीटर की कमी है।
कभी देवरिया तो कभी बलिया से उधार में मीटर मंगाया जा रहा है, लेकिन अब भी भारी संख्या में उपभोक्ता ऐसे हैं जिनके परिसर का खराब मीटर नहीं बदला जा सका है। नए कनेक्शन पर भी मीटर नहीं लग पा रहे हैं। की गई है डिमांड चीफ इंजीनियर देवेन्द्र सिंह का कहना है कि मीटर की डिमांड की गई है। मीटर रीडरों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि घर बैठे बिल बनाया तो खैर नहीं होगी। व्यवस्था की मॉनीट¨रग कर रहा हूं।
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