गुटबाजी से दरक रही कांग्रेस की जमीन, बिखर रहे निष्ठावान कार्यकर्ता
गोरखपुर में आपसी गुटबाजी में कांग्रेस की जमीन दरक रही है और पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता बिखर रहे हैं। गोरखपुर में कांग्रेस अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही है।
गोरखपुर, (राजेश्वर शुक्ला)। कांग्रेस पार्टी आतंरिक गुटबाजी से नहीं उबर पा रही है। जिला कांग्रेस कमेटी का अन्य सहयोगी संगठनों से तालमेल का पूरा अभाव है। गुटबाजी के कारण सभी संगठनों के कार्यक्रम अब एक साथ न होकर अलग-अलग स्थानों पर किए जा रहे हैं। इससे निष्ठावान कार्यकर्ता असमंजस की स्थिति में हैं। वरिष्ठ पदाधिकारी समेत अन्य कार्यकर्ता भी बैठकों में भाग लेने से बच रहे हैं। इसका असर पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों पर पड़ रहा है।
एक गुट कार्यवाहक जिलाध्यक्ष राकेश यादव व दूसरा गुट पूर्व जिलाध्यक्ष डाक्टर जमाल अहमद का है। महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरुण अग्रहरि व पदाधिकारी अपने कार्यक्रम अलग कर रहे हैं। वरिष्ठ नेता डा. प्रदीप पांडेय समेत अन्य पदाधिकारियों ने भी गुटबाजी के कारण पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बना ली है। यही हाल यूथ कांग्रेस का भी है। यूथ कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी अपनी अलग पहचान बनाने में लगे हैं। यही हाल महिला कांग्रेस का भी है।
नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन में भी दिखा बिखराव
नोटबंदी की दूसरी वर्षगांठ पर कांग्रेस द्वारा 12 नवंबर को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में जिला कांग्रेस कमेटी ने गोलघर स्थित इंदिरा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया जबकि महानगर कांग्रेस कमेटी ने नगर निगम स्थित रानी लक्ष्मीबाई पार्क में प्रदर्शन कर विरोध जताया था। युवा कांग्रेस के पदाधिकारी लखनऊ में थे।
कोई गुटबाजी नहीं : राजबब्बर
प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। जमाल अहमद ने जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है। यह बात उनको भी मालूम है। जमाल अहमद पार्टी के वरिष्ठ नेता है और अगर वह शहर के कार्यक्रम में जा रहे हैं तो यह गुटबाजी नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिले के पदाधिकारी जिले में कार्य करें और शहर के पदाधिकारी शहर में। इससे पार्टी और मजबूत होगी।
कुछ लोग गुटबाजी को दे रहे प्रश्रय : ईश्वर चंद्र शुक्ल
मंडल प्रभारी ईश्वर चंद्र शुक्ल का कहना है कि जिलाध्यक्ष का कार्य संतोषजनक है लेकिन कुछ लोग हैं जो गुटबाजी को प्रश्रय दे रहे हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला व महानगर इकाई वैसे तो अलग-अलग हैं लेकिन मिलजुलकर कार्य करें तो बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
सबको साथ लेकर चलना है उद्देश्य : जिलाध्यक्ष
जिलाध्यक्ष राकेश यादव कहते हैं कि सबको साथ लेकर चलना ही उनका मुख्य उद्देश्य है। अगर किसी के मन में कोई मलाल है तो उसे भी दूर किया जाएगा। सभी संगठन एकजुट होकर पार्टी को मजबूत करें। जल्द ही कार्यकर्ताओं व वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक बुलाई जाएगी।
मैं अध्यक्ष था तब एक ही जगह होते थे कार्यक्रम : डा.सैय्यद जमाल
पूर्व जिलाध्यक्ष डा.सैय्यद जमाल गुटबाजी के लिए कुछ लोगों को जिम्मेदार बताते हैं। गुटबाजी करने वाले वही लोग हैं जिनके चेहरे चंद दिनों से कार्यक्रमों में दिखाई देने लगे हैं। उनका कहना है कि जब वह जिलाध्यक्ष थे तब पार्टी के सभी संगठनों का कार्यक्रम एक साथ ही होता था।
विचारों की भिन्नता है, गुटबाजी नहीं : महानगर अध्यक्ष
महानगर अध्यक्ष अरुण अग्रहरि कहते हैं कि जिला व महानगर इकाई दोनों अलग-अलग संगठन हैं। विचारों की भिन्नता हो सकती है लेकिन गुटबाजी नहीं है। अलग-अलग कार्यक्रम करने से पार्टी की स्थिति मजबूत होगी और आम जनता से बेहतर संवाद स्थापित होगा।
मिलकर कार्य करें तो बढ़ेगी ताकत : डा. प्रदीप पांडेय
प्रदेश संगठन मंत्री डा. प्रदीप पांडेय का कहना है कि सभी का उद्देश्य पार्टी को मजबूत करने का होना चाहिए। सब मिलकर कार्य करें तो ताकत और बढ़ेगी। जिला व महानगर कमेटी की जिम्मेदारियां अलग-अलग हैं। अगर पार्टी हित में गुटबाजी हो रही है तो वह ठीक है अन्यथा पार्टी विरोधी गुटबाजी पर घातक है।
युवा कांग्रेस के लिए आते हैं अलग से निर्देश : अभिजीत पाठक
युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अभिजीत पाठक कहते हैं कि युवा कांग्रेस के लिए अलग से निर्देश आते हैं जिसे उन्हें पूरा करना पड़ता है। जिला व महानगर इकाई के कार्यक्रम एक समय पर नहीं रहते हैं तो कोशिश होती है कि दोनों इकाइयों के कार्यक्रमों के शामिल हुआ जाए। सभी संगठनों के अपने-अपने दायित्व हैं।