कांग्रेस का पुनर्गठन : जमीनी कार्यकर्ताओं का सम्मान, जातीय समीकरण पर भी ध्यान Gorakhpur News
कांग्रेस ने अपनी जमीन पुख्ता करने के लिए नये जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में जमीनी कार्यकर्ताओं और जातीय संतुलन का खास ख्याल रखा है।
गोरखपुर, राजेश्वर शुक्ला। कांग्रेस पार्टी ने गोरखपुर व बस्ती मंडल में अपनी जमीन पुख्ता करने के लिए नये जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में जातीय संतुलन का खास ख्याल रखा है। प्रदेश के बाद जिला स्तर पर युवाओं को कमान सौंपकर पार्टी ने अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं। पार्टी ने उन लोगों पर भरोसा जताया है जो विपरीत परिस्थितियों में भी पार्टी का दामन थामे रहे और निष्ठा नहीं बदली।
प्रियंका गांधी वाड्रा जब पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनीं तभी युवाओं को संगठन में लाने की रूपरेखा तैयार हो गई। संगठन में युवाओं की भागदारी की लक्ष्मण रेखा खींच स्पष्ट संदेश दे दिया कि अब पार्टी इनके बलबूते ही संगठन में नई जान फूंकेगी।
गोरखपुर : जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान (43) पिपराइच कस्बे के मधवापुर की रहने वाली हैं। वर्ष 2005 में ग्राम प्रधान रहने के बाद निर्मला 2010 में जिला पंचायत सदस्य बनीं। पार्टी की हर छोटी-बड़ी गतिविधियों में शामिल रहीं है जिसका ईनाम पार्टी ने उन्हें जिलाध्यक्ष बनाकर दिया है। निर्मला के जरिये पार्टी ने महिलाओं में अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है।
देवरिया : जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सैंथवार ने 1987 में एनएसयूआइ (भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन) से छात्र राजनीति में कदम रखा। वर्ष 1999 में यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बने। 2005 तक ग्राम प्रधान रहे धर्मेंद्र वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं।
महराजगंज : निवर्तमान जिलाउपाध्यक्ष अवनीश पाल अब पार्टी के नए जिलाध्यक्ष हैं। उनके परिवार का पार्टी से पुराना लगाव है। अवनीश अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं जो पार्टी में लगातार सक्रिय हैं। 2007 में यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रह चुके पाल वर्ष 2011 से 13 तक यूथ कांग्रेस के लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।
कुशीनगर : जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने छात्र राजनीति के जरिये 1994 में पार्टी से जुड़े। उदित नारायण डिग्री कालेज पडऱौना के अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने पार्टी में सक्रिय हो गए। राजकुमार छितौनी केन यूनियन के वर्ष 2000 से चेयरमैन हैं। पिछले वर्ष सितंबर में उन्हें कार्यवाहक जिलाध्यक्ष बनाया गया।
सभी वर्गों को लुभाने की कोशिश
पूर्वांचल की राजनीति में जातिगत समीकरण सत्ता के दहलीज तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस इस पर पूरी तरह फोकस है। पार्टी नेतृत्व ने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में जातीय समीकरण को खासा तरजीह दी है। गोरखपुर की जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान दलित समुदाय से आती हैं जबकि महराजगंज के जिलाध्यक्ष अवनीश पाल राजपूत हैं। देवरिया के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह 'सैंथवार' पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखते हैं जबकि कुशीनगर के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह राजपूत समाज से आते हैं। संतकबीर नगर जिले के जिलाध्यक्ष प्रवीण चंद्र पांडेय ब्राह्मण व बस्ती के जिलाध्यक्ष अंकुर वर्मा कायस्थ विरादरी से हैं। मुस्लिम बहुल जनपद सिद्धार्थनगर में पार्टी ने काजी सोहेल अहमद पर भरोसा जताया है।
वर्तमान सरकार ने सभी वर्गों और जातियों को विभाजित कर सिर्फ वोट की राजनीति कर रही है। समाज का हर वर्ग परेशान है। ऐसे में उन वर्ग के लोगों को जो हमेशा से उपेक्षित रहे हैं उन्हें प्रतिनिधित्व देने और उनका सम्मान बढ़ाने का कार्य प्रियंका गांधी ने किया है। - द्विजेंद्र राम त्रिपाठी, प्रदेश प्रवक्ता।