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गोरखपुर के 72 गांवों की बदलेगी सूरत, नाली व सड़कों का बिछेगा जाल

चयनित गांवों में रात्रि विश्राम के लिए पीआरए टीम का गठन भी किया गया है। एक टीम में पांच सदस्य शामिल किए गए हैं। ये सदस्य सुगमकर्ता सह सुगमकर्ता रिपोर्टर मटेरियल मैनेजर अन्वेषणकर्ता या निगरानी कर्ता के रूप में काम करेंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 09:02 AM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 09:02 AM (IST)
गोरखपुर के 72 गांवों की बदलेगी सूरत, नाली व सड़कों का बिछेगा जाल
गोरखपुर के 72 गावों की दशा शीघ्र बदलेगी। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिले के 72 गांवों की दशा को जल्द ही बदलने की तैयारी चल रही है। इन गांवों को आदर्श गांव बनाया जाएगा। सहभागी ग्रामीण आकलन (पीआरए) के जरिए गांवों कर दशा को बदलने का काम किया जाएगा। इसके लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की जाएगी और एक टीम नौ गांवों में पांच-पांच दिन बिताएगी। इन पांच दिनों के अंतर्गत गांव में होने वाले विकास कार्यों के साथ ही कचरा प्रबंधन एवं लोगों के व्यवहार परिवर्तन को लेकर भी काम किया जाएगा। गांवों का चयन पूरा कर लिया गया है।

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प्रमुखता के आधार पर कराए जाएंगे यह कार्य

परफार्मेंस ग्रांट पाने वाली 32 ग्राम पंचायतें तो इसमें शामिल हैं ही, हर ब्लाक से दो और ग्राम पंचायत को शामिल किया गया है। इस तरह जिले के 20 ब्लाकों से 40 और गांवों की दशा बदली जाएगी। गांवों को आदर्श बनाने के क्रम में ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है। इसके जरिए सड़क, नाली का निर्माण, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन आदि कार्यों पर नजर रखी जाएगी। गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाए रखने के लिए भी काम किया जाएगा।

गांव में रात्रि विश्राम करने को गठित हुई पीआरए टीम

चयनित गांवों में रात्रि विश्राम के लिए पीआरए टीम का गठन भी किया गया है। एक टीम में पांच सदस्य शामिल किए गए हैं। ये सदस्य सुगमकर्ता, सह सुगमकर्ता, रिपोर्टर, मटेरियल मैनेजर, अन्वेषणकर्ता या निगरानी कर्ता के रूप में काम करेंगे। इनके सहयाेग के लिए ग्राम पंचायतों के प्रधान, सचिव एवं फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में काम करने वाली आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रोजगार सेवक, सफाई कर्मी आदि उपस्थित रहेंगे। रात्रि विश्राम के दौरान पांचों दिन के कार्यक्रम तय किए गए हैं। पहले दिन टीम रहने की व्यवस्था से लेकर सभी फ्रंट लाइन कर्मचारियों के साथ बैठक करेगी। दिनभर की गतिविधियों के बाद अगले दिन सुबह गांव का भ्रमण किया जाएगा और कार्यों का फालोअप किया जाएगा। निगरानी समितियों के साथ बैठक भी की जाएगी। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं आपसी चर्चा भी होगी। तीसरे दिन कुपोषण से मुक्ति के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। लोगों से घर-घर संपर्क किया जाएगा। चौथे दिन चौपाल में प्रोजेक्टर के माध्यम से गांव का आधारभूत आंकड़ा प्रस्तुत किया जाएगा।

यह है योजना का उद्देश्य

जीपीडीपी के तहत कार्ययोजना का निर्माण।

ग्राम पंचायत का खुले में शौच मुक्ति की स्थिति बरकरार रखना।

प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आधारभूत संरचना का विकास।

ग्राम पंचायत को कुपोषण मुक्त बनाना।

गांव में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का विकास, शत-प्रतिशत टीकाकरण एवं पूर्ण रूप से संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करना।

महिला सशक्तीकरण पर जोर।

गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था एंव समय-समय पर इसकी गुणवत्ता की जांच।

पीआरए योजना के तहत जिले के 72 गांवों की दशा बदलकर उन्हें आदर्श बनाया जाएगा। गांवों का चयन कर लिया गया है और पीआरए टीमों का भी गठन हो गया है। एक टीम नौ गांव में पांच-पांच दिन रात्रि विश्राम करेगी। सभी गांवों में रात्रि विश्राम की तिथियां भी निर्धारित कर दी गई हैं। गांवों के विकास में यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। - विजय किरन आनंद, जिलाधिकारी।


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