कामेडियन राजू श्रीवास्तव ने कहा- जितना देश के नहीं, उतना मेरे काम आए लालू यादव Gorakhpur News
मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने कहा कि पहले केवल हीरो-हीरोइन की मिमिक्री होती थी उन्होंने इस सिलसिले का दायरा राजनेताओं तक बढ़ाया।
गोरखपुर, डॉ. राकेश राय। गोरखपुर महोत्सव की कॉमेडी नाइट में अपनी प्रस्तुति देने पहुंचे मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने कॉमेडी की बारीकियों पर खुलकर बातचीत की। दैनिक जागरण से बातचीत की शुरुआत उन्होंने फिल्मी कॉमेडी और स्टैंडअप कॉमेडी में फर्क से की। राजू ने कहा कि फिल्मों में लिखी लाइनों से हास्य पैदा करना होता है वह भी साथी अभिनेता व अभिनेत्री के साझे में। रीटेक का विकल्प भी खुला होता है, लेकिन स्टैंडअप कॉमेडी में दर्शकों को हंसाने की पूरी जिम्मेदारी कॉमेडियन पर होती है, वहां रीटेक भी नहीं होता। ऐसे में कहने की जरूरत नहीं कि स्टैंडअप कॉमेडी बेहद कठिन होती है। राजू ने कहा कि फिल्मों में कॉमेडियन को फिलर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं लंबे समय तक मंच पर भी कॉमेडियन अभिनेताओं और गायकों के कार्यक्रम में फिलर ही रहे। लेकिन लॉफ्टर चैलेंज के बाद स्थिति बदल गई है। अब कॉमेडियन का स्वतंत्र मंच सजने लगा है।
जितना देश के नहीं, उतना मेरे काम आए लालू
राजू श्रीवास्तव ने कहा कि पहले केवल हीरो-हीरोइन की मिमिक्री होती थी, उन्होंने इस सिलसिले का दायरा राजनेताओं तक बढ़ाया। आज स्थिति यह है कि लालू यादव जितना देश के काम नहीं आते, उतना उनके काम आते हैं। यहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे अपनी मिमिक्री करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि मंच के लिए सब बराबर हैं। राजू का कहना है कि पहले नेता मिमिक्री पर नाराज होते थे लेकिन अब तो इसके लिए पैरवी होती है क्योंकि मिमिक्री से नेताओं की लोकप्रियता बढ़ती है।
मैंने खुद बना रखा है अपना सेंसर
राजू ने बताया कि वह मंच से कभी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करते, जिसे परिवार के साथ नहीं सुना जा सकता। उन्होंने अपना सेंसर खुद बना रखा है ताकि उनकी पहचान पारिवारिक कॉमेडियन के तौर पर बनी रहे।
मेरी ही राह पर चल रहे कपिल शर्मा
कपिल शर्मा-शो की लोकप्रियता के सवाल पर राजू ने कहा कि वह जो कांसेप्ट लेकर आए हैं, वह मूलत: उनका ही है। पहले उनका एक शो न्यूज चैनल पर आता था, 'राजू हाजिर होंÓ, कपिल शर्मा-शो का आइडिया उसी का है।
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