CO ने SO पर दर्ज कराया मुकदमा, दूसरे CO ने लगा दी FR ; अब CO के खिलाफ होगी जांच- जानें, क्या है पूरा मामला Kushinagar News
बहुचर्चित कसया शराब कांड के आरोपित इंस्पेक्टर को बचाने में सीओ सदर ने अपनी गर्दन फंसा ली है। अब जांच करने वाले सीओ के खिलाफ जांच शुरू हो गई है।
कुशीनगर, प्रद्युम्न कुमार शुक्ल। कुशीनगर जिले के बहुचर्चित कसया शराब कांड के आरोपित इंस्पेक्टर सुनील राय को बचाने में सीओ सदर ने अपनी गर्दन फंसा ली है। सीओ ने साक्ष्य न मिलने का हवाला देकर मुकदमे में एफआर लगा दिया और वादी सीओ का बयान दर्ज करना तक मुनासिब नहीं समझा। इससे खफा आइजी रेंज गोरखपुर जय नारायण सिंह ने एसपी को सीओ के विरूद्ध कार्रवाई तथा दोबारा विवेचना का निर्देश दिया है।
इंस्पेक्टर पर दर्ज है मुकदमा
सीओ तमकुहीराज राणा महेंद्र प्रताप सिंह ने बीते जुलाई महीने में कसया के थानेदार रहे इंस्पेक्टर सुनील राय के विरूद्ध आबकारी एक्ट व 217 आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। थानेदार शराब तस्करी में संलिप्त पाए गए थे। उन्होंने पकड़े गए शराब तस्कर को भी थाने से छोड़ दिया था। इस मामले में थानेदार को लाइन हाजिर किया गया था। वहीं जांच सीओ सदर नितेश प्रताप सिंह को सौंपी गई।
शासन ने दिया था जांच का आदेश
एसीजेएम कोर्ट कसया की ओर से जारी नोटिस मिलने के बाद सीओ तमकुहीराज को पता चला कि मुकदमे में एफआर लग गई है। 13 सितंबर को कोर्ट ने उन्हें अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। इसके बाद यह मामला अफसरों के संज्ञान में आ गया। बता दें कि हाल में ही शासन ने प्रकरण की जांच आइजी रेंज से कराने का भी आदेश दिया है।
यह है मामला
-22 जुलाई की रात सीओ तमकुहीराज व स्वाट टीम ने कसया बस स्टेशन से ट्रक से तस्करी की शराब खेप पकड़ी थी। शराब को थोड़ी दूरी पर खड़ी पुलिस के निशान लगी स्कार्पियो में रखा जा रहा था। टीम ने मौके से तस्करी में लिप्त बिहार निवासी मनीष सिंह को भी पकड़ा था। छानबीन में स्कार्पियो इंस्पेकटर सुनील राय की निकली थी। थाने में सीओ और थानेदार के बीच विवाद भी हुआ था और आइजी रेंज जय नारायण ङ्क्षसह भी कसया थाने पहुंचे थे। एएसपी गौरव वंशवाल ने भी अपनी जांच में थानेदार की संलिप्तता मानी गई थी।
नहीं मिला कोई साक्ष्य : विवेचक
विवेचक सीओ सदर नितेश प्रताप सिंह ने कहा कि विवेचना के दौरान आरोपों से जुड़े साक्ष्य नहीं मिले। साक्ष्य के अभाव में मुकदमे में एफआर लगा दी गई।